शिमला के टाउन हॉल में रेस्टोरेंट के लिए कंपनियां नहीं दिखा रही दिलचस्पी, अब एमसी फिर जारी करेगा टेंडर
राजधानी शिमला की ऐहतिहासिक इमारतों में शुमार टाउन हॉल में (Tender for Restaurant in town hall) रेस्टोरेंट खोलने के लिए कंपनियां दिलचस्पी नहीं दिखा रहीं हैं. नगर निगम तीन बार इसके लिए टेंडर जारी कर चुका है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया में केवल दो कंपनियों ने हिसा लिया. जबकि प्रक्रिया में तीन कंपनियों का होना जरूरी है. वहीं, टाउन हॉल में आ रही (Restaurant in town hall shimla) पानी की लीकेज को रोकने के लिए पर्यटन निगम ने यहां पर मरम्मत का कार्य शुरू कर दिया है.
नाहन में संस्कृत कॉलेज के पास चरस तस्करी का आरोपी गिरफ्तार, तीन दिन की पुलिस रिमांड पर व्यक्ति
सिरमौर जिले में नशे के खिलाफ पुलिस लगातार मुहिम चला रही है. इस दौरान पुलिस को आए दिन सफलता भी मिल रही है. इसी कड़ी में पुलिस ने 427 ग्राम चरस की खेप के साथ एक आरोपी को गिरफ्तार करने सफलता (police arrested accused with charas) हासिल की है. आरोपी को रविवार को अदालत में पेश किया गया जहां से उसे दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया गया है. एएसपी बबीता राणा (asp babita rana on charas case) ने इसकी पुष्टि की है.
SHIMLA: व्यापार मंडल के विरोध के बाद तहबाजारियों पर नगर निगम सख्त, समान किया जब्त
नगर निगम शिमला ने शहर के बाजारों में अवैध रूप से बैठे तहबाजारियों के खिलाफ सख्ती (Shimla MC Action against Tehbazari) बरतना शुरू कर दिया है. दरअसल, रविवार को नगर निगम और पुलिस की टीम ने संयुक्त रूप से शिमला के बाजारों का निरीक्षण कर (Municipal Corporation inspected Shimla market) बिना आई कार्ड के सामान बेच रहे लोगों का सामान जब्त किया और बाजारों में अवैध रूप से बैठे 24 रेहड़ी-फड़ी वालों को हटाया.
रिकांगपिओ में कांग्रेस के वस्त्र बैंक को हटाने के निर्देश, पुलिस और कार्यकर्ताओं में हुई बहस
किन्नौर कांग्रेस द्वारा रिकांगपिओ (Kinnaur congress vastra bank campaign) में 2 दिसम्बर से एक वस्त्र बैंक मुहिम शुरू की गई थी, जिसे करीब 10 दिनों तक चलना था, लेकिन पुलिस प्रशासन ने रविवार को रिकांगपिओ (vastra bank Reckong Peo) वर्षाशालिका से कांग्रेस के वस्त्र बैंक को हटाने के निर्देश दिए हैं. जिसके बाद कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस में झमकर बहसबाजी हुई और कांग्रेस ने भाजपा नेताओं पर दबाव बनाने के आरोप भी लगाए.
लोकमित्र केंद्र संचालकों का न्यूनतम मानदेय दस हजार रुपये तय किया जाए: शशि पाल
लोकमित्र केंद्र संचालकों को कहना है कि लोकमित्र केंद्रों (LOK MITRA KENDRA HAMIRPUR) में कई तरह की सेवाएं लोगों को प्रदान की जा रही हैं, लेकिन इसके लिए इन्हें नाममात्र दाम दिए जाते हैं. काम के दाम का 80 फीसदी हिस्सा सरकार के खाते में चला जाता है. इनके हिस्से में आने वाला नाममात्र हिस्सा नाकाफी है. पिछले 13 सालों से सेवाओं के रेट रिवाइज नहीं किए गए हैं. जो मूल्य 13 साल पहले थे, आज भी वही हैं.