सावधानी पूर्वक मनाएं खुशियों का त्योहार दिवाली, आतिशबाजी करते समय रखें इन बातों का ख्याल
खुशियों और रोशनी का पर्व दिवाली को मनाते समय विशेष सावधानी बरतनी चाहिए. आईजीएमसी आपातकाल विभाग के सीएमओ डॉ. प्रवीण एस भाटिया का कहना है कि आईजीएमसी में दिवाली वाली रात वह अगले दिन सुबह पटाखे से जलने के दर्जनों मामले सामने आते हैं. ऐसे में आतिशबाजी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए.
अधूरे विकास कार्यों को पूरा करना मेरी प्राथमिकता: सांसद प्रतिभा सिंह
मंडी संसदीय सीट पर उपचुनाव में विजयी होने पर प्रतिभा सिंह ने मतदाताओं का आभार व्यक्त किया. इस दौरान प्रतिभा सिंह ने कहा कि मंडी संसदीय क्षेत्र के अधूरे विकास जो बीजेपी सरकार में लंबित पड़े हुए हैं, उन्हें पूरा करना मेरी प्राथमिकता रहेगी ताकि मंडी संसदीय क्षेत्र का विकास कार्य तेज गति से बढ़ता रहे.
चाइनीज लाइटों पर भारी पड़ रहे स्वदेशी 'दीये', बाजारों में बढ़ी मिट्टी के दीयों की बिक्री
कई सालों से लोग चीन के सामान को दिवाली पर बायकॉट करने की बात तो करते ही रहते हैं, लेकिन वास्तव में ऐसा होता दिखता नहीं था, लेकिन इस बार सोलन शहर के बाजारों में चाइनीज लाइटों की सेल में कमी आई है. वहीं, हाथों से बने स्वदेशी दियों की मांग शहर के बाजारों में ज्यादा होती दिख रही है. सीधे शब्दों में कहें तो भारतीय दिये चाइनीज लाइटों पर भारी पड़ते दिखाई दे रहे हैं. सोलन शहर के बाजारों में ₹20 में 12 से 15 दिये आसानी से लोगों को मिल रहे हैं.
हिमाचल के इस गांव में नहीं मनाया जाता खुशियों का त्योहार दीपावली, जानें क्या है वजह
देशभर में दिवाली के त्योहार को लेकर खुशी का माहौल होता है. ऐसे में हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर जिले सम्मू गांव में सदियों से दिवाली का त्योहार नहीं मनाया जाता है. इतना ही नहीं इस दिन लोग न तो खुशिया मनाते हैं और न ही घर में पकवान पकाते हैं. गांव के बुजुर्गों का कहना है कि सदियों पहले एक महिला ने दिवाली के दिन श्राप दिया था. तभी से गांव में यह त्योहार नहीं मनाया जाता है.
जज्बे को सलाम: दिव्यांग होने के बाद भी विवेक ने नहीं हारी हिम्मत, पुश्तैनी कारोबार को बढ़ा रहे आगे
कहते हैं, यदि जीवन में कुछ कर गुजरने का जज्बा हो, तो हर मुश्किलों का डटकर सामना कर सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसा ही कुछ कर दिखाया है, सिरमौर जिला मुख्यालय नाहन के विवेक ने. दरअसल नाहन निवासी विवेक कुमार बचपन से ही दिव्यांग हैं, लेकिन अपनी हिम्मत के बल पर उसने जमा दो की पढ़ाई पूरी की और अब अपने पुश्तैनी कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं. मिट्टी से बने दीपक, बर्तन बनाना विवेक का पुस्तैनी कारोबार है.