शिमला: शिक्षा के क्षेत्र में चमकदार आंकड़ों का दावा करने वाले हिमाचल प्रदेश में कई स्कूल भवन सूने पड़े हैं. कारण ये है कि वहां शिक्षा ग्रहण करने के लिए एक भी छात्र नहीं है. शून्य नामांकन के कारण हिमाचल प्रदेश के 27 प्राइमरी स्कूल के भवन सूने हैं. इसी तरह मिडिल स्कूल के तीन भवन भी शून्य नामांकन के कारण प्रयोग में नहीं हैं. प्रदेश के विभिन्न जिलों में 10 हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के भवनों के दर्जनों कमरे विभिन्न कारणों से प्रयोग में नहीं लाए जा रहे हैं.
प्रदेश के विभिन्न जिलों में 27 प्राइमरी स्कूल भवन ऐसे हैं, जहां दो साल अथवा इससे भी अधिक समय से एक भी छात्र न होने की वजह से उन इमारतों व कमरों का प्रयोग नहीं हो रहा. हिमाचल विधानसभा के बजट सत्र में ये चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. भाजपा के वरिष्ठ विधायक रमेश ध्वाला ने इस संदर्भ में सवाल किया था. उनके सवाल के लिखित जवाब में ये जानकारी सदन में दी गई.
रमेश ध्वाला ने सवाल किया था कि हिमाचल प्रदेश में विगत तीन साल के अंतराल में कितने स्कूल भवन, कमरे अथवा छात्रावास बिना प्रयोग के हैं. लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बताया कि कुल 27 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां शून्य नामांकन के कारण स्कूल भवन बिना प्रयोग के सूने पड़े हुए हैं.
लिखित जवाब में शिक्षा मंत्री की तरफ से जानकारी दी गई कि बिलासपुर के तीन प्राइमरी स्कूल वर्ष 2020 से बिना प्रयोग के हैं. इसी तरह हमीरपुर जिला के पांच प्राइमरी स्कूल बिना प्रयोग के हैं. कारण यहां भी शून्य नामांकन है. हालात ये हैं कि हमीरपुर जिले की अंबोटा प्राथमिक पाठशाला का भवन चार साल से सूना पड़ा हुआ है.
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