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सड़कों पर ठिठुरने को मजबूर HRTC कर्मचारी, 3 साल बाद भी नहीं बना ठियोग बस स्टैंड

हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए ये दिन बेहद परेशानी वाले हैं. सरकार ने आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके प्रबंध तो कर लिए हैं, लेकिन खुद सरकारी कर्मचारी किन हालातों में है इसका इल्म किसी को नहीं है.

Theog bus stand not made even after 3 years
3 साल बाद भी नहीं बना ठियोग बस स्टैंड

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Published : Jan 7, 2020, 3:35 PM IST

शिमलाः हिमाचल प्रदेश में लगातार हो रही बर्फबारी से आम जनजीवन बूरी तरह से प्रभावित हुआ है. प्रदेश के अधिकतर जिलों में सड़क मार्ग अवरुद्ध हुए हैं, जिससे लोगों को कई परेशानियों को सामना करना पड़ रहा है. कड़ाके की ठंड के चलत लोग घरों में दुबकने को मजबूर हो गए हैं.

बर्फबारी के कारण सरकारी कर्मचारियों को भी कई परेशानियों से जूझना पड़ रहा है. खासकर हिमाचल पथ परिवहन निगम के कर्मचारियों के लिए ये दिन बेहद परेशानी वाले हैं. सरकार ने आम लोगों को किसी तरह की परेशानी ना हो इसके प्रबंध तो कर लिए हैं, लेकिन खुद सरकारी कर्मचारी किन हालातों में है इसका इल्म किसी को नहीं है.

वीडियो रिपोर्ट

शिमला जिला के ठियोग में परिवहन निगम के कर्मचारी भारी बर्फबारी में बाहर रहने को मजबूर हैं. यहां कर्मचारी बर्फबारी के बीच दुकानों में सहारा लेने को मजबूर हैं. बता दें कि ठियोग बस स्टैंड में निगम के कर्मचारी धूप, बारिश और बर्फबारी में बाहर ठिठुरने को मजबूर होते हैं.

दरअसल तीन साल पहले ठियोग का बस स्टैंड गिर गया था, इस हादसे में दो लोगों की जान भी गई थी. तब से लेकर अब तक कर्मचारियों के रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं है. चाहे बारिश हो या बर्फबारी कर्मचारियों को सड़क पर रहकर ड्यूटी करनी पड़ रही है.

निगम के कर्मचारियों ने सरकार से अपनी समस्या के समाधान की गुहार लगाई है. उन्होंने सर्दी से बचने के लिए हीटर समेत ठहरने की उचित व्यवस्था की मांग की है. बस अड्डे के नए भवन का निर्माण कार्य अधुरा होने के चलते कर्मचारियों को बेहद परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

आपको बता दें कि ठियोग से कोटखाई, रोहड़ू, चौपाल, रामपुर और किन्नौर के लिए निगम की बसों की आवाजाही होती है. ऐसे में यहां रुकने वाले बस चालकों, परिचालकों को कड़ाके की ठंड में सड़क किनारे या दुकानों में खुद को बचाते रहने का संघर्ष करना पड़ता है. यहां कर्मचारी दयनीय हालात में ड्यूटी कर रहे हैं.

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