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शिमला में टीबी मुक्त अभियान शुरू, आशा वर्कर घर-घर जाकर कर रही लोगों को जागरूक - treatment of TB

जिला शिमला में आज से टीबी मुक्त अभियान की शुरुआत की गई (TB free campaign in Shimla) है. यह अभियान जिले में 2 अक्टूबर तक चलेगा (TB awareness campaign in Himachal).

TB awareness campaign in Himachal
शिमला में टीबी मुक्त अभियान शुरू

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Published : Sep 12, 2022, 1:08 PM IST

शिमला:जिला शिमला में टीबी मुक्त अभियान शुरू हो गया (TB free campaign in Shimla) है. अभियान के तहत आशा वर्कर और स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक कर रहे (Asha workers awaring people about TB in shimla) हैं. यह अभियान जिले में 2 अक्टूबर तक चलेगा. आशा वर्कर यूनियन की प्रधान अनीता शर्मा का कहना है कि वे जिला शिमला में टीबी मुक्त अभियान के तहत लोगों को जागरूक करने के लिए आज से घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रहे हैं. स्वास्थ्य कर्मी लोगों को टीबी के लक्षणों के बारे में बताएंगे.

टीबी के लक्षण:अनीता शर्मा ने टीबी के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि (symptoms of TB) अगर किसी को लगातार तीन हफ्तों से ज्यादा समय तक खांसी रहती है तो इससे सावधान रहने की जरूरत है. खांसी के साथ खून आना, छाती में दर्द और सांस फूलना, वजन का कम होना और ज्यादा थकान महसूस होना, शाम को बुखार आना और ठंड लगना और रात के समय पसीना आना यह सब लक्षण टीबी के हो सकते हैं.

सरकारी अस्पतालों में करवाएं टीबी की जांच: उन्होंने कहा कि ट्यूबरक्लोसिस (टीबी) रोगी की पहचान के विषय में उनके द्वारा लोगों को जानकारी दी जा रही है ,ताकि लोग जल्द ही टीबी के लक्षणों की पहचान कर निकटतम स्वास्थ्य केंद्र में जा सके. ऐसा करके टीबी के रोगी का जल्द से जल्द उपचार शुरू किया जा सकेगा. सरकारी अस्पतालों में टीबी के संभावित रोगियों की स्क्रीनिंग भी की जाती (TB awareness campaign in Himachal) है.

2 अक्टूबर तक चलेगा टीबी मुक्त अभियान:एडीएम लॉ एंड ऑर्डर राहुल चौहान ने कहा कि टीबी मुक्त अभियान 12 सितंबर से 2 अक्टूबर 2022 तक चलेगा. जिसमें ग्रामीण संवेदनशील क्षेत्रों को विशेष तौर पर केंद्र बिंदु बनाया जाएगा. उन्होंने बताया कि टीबी मुक्त अभियान के तहत ग्राम स्तर एवं नगर निकायों को विशेष तौर से स्वास्थ्य जांच के दायरे में लाया जाएगा और स्वास्थ्य कर्मियों द्वारा जांच व निगरानी पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा ताकि क्षय रोग से लोगों को राहत मिल सके. राहुल चौहान ने बताया कि प्रचार-प्रसार, नुक्कड़-नाटकों, गीत-संगीत से भी लोगों को जागरूक किया जा रहा है.

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