शिमला: जल जीवन मिशन में हिमाचल ने बेहतर काम करते हुए देश के सामने मिसाल पेश की है. राज्य में 14.5 लाख घरों में नल उपलब्ध हो चुके हैं और पानी की सप्लाई भी. सरकार का लक्ष्य 15 अगस्त 2022 तक हर घर में नल उपलब्ध करवाना है. ऐसा करने वाला हिमाचल संभवत: देश का पहला राज्य होगा. यही नहीं, जल जीवन मिशन में अच्छा काम करने पर सबसे पहले इंसेंटिव हासिल करने वाला राज्य भी हिमाचल ही है. प्रदेश को 221 करोड़ रुपये से अधिक का इंसेंटिव मिल चुका है.
देश के अन्य राज्य हिमाचल से इस मिशन को सफलता से लागू करने के लिए प्रेरणा ले सकते हैं. यही नहीं, हिमाचल ने इससे भी आगे बढ़कर काम किया है. जो बस्तियां जल जीवन मिशन की गाइडलाइंस के तहत कवर नहीं होती, उनके लिए राज्य सरकार के जलशक्ति विभाग ने अन्य योजनाओं का सहारा लिया है. इस तरह हर घर में नल का स्वच्छ जल पहुंचाने वाला हिमाचल देश का अग्रणी राज्य बनने की दिशा में अग्रसर है. हिमाचल सरकार के जलशक्ति मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर का कहना है कि विभाग को बेहतर काम करने के लिए केंद्र सरकार से इंसेंटिव भी हासिल हो चुका है. शत प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने वालों को केंद्र सरकार की तरफ से इंसेंटिव मिलता है.
जलशक्ति मंत्री के अनुसार हिमाचल में कुल 17 लाख घरों में नल लगाए जाने हैं, जिनके माध्यम से स्वच्छ जल उपलब्ध करवाया जाएगा. हिमाचल में जल जीवन मिशन की सफलता का उदाहरण मंडी जिला के नाचन विधानसभा क्षेत्र से भी मिलता है. यहां पहले न के बराबर नल लगे थे, लेकिन जल जीवन मिशन आने के बाद स्थितियां बदली हैं और अब पूरे विधानसभा क्षेत्र में 22 योजनाएं मंजूर हुई हैं. राहत की बात है कि उनमें से 18 पूर्ण भी हो गई हैं.
इस वित्त वर्ष की शुरुआत से पहले हिमाचल को 221 करोड़ रुपये से अधिक का इंसेंटिव मिला है. जल जीवन मिशन में बेहतर काम करने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने हिमाचल को 31 मार्च 2021 से पहले की अवधि में हिमाचल को 221.28 करोड़ का इंसेंटिव दिया है. ये इंसेंटिव पूरे देश में सबसे अधिक है. देश के सात राज्यों ने इसमें अच्छा प्रदर्शन किया है. इन सात राज्यों में भी टॉप पर हिमाचल प्रदेश है. सभी सात राज्यों को कुल 464.28 करोड़ रुपये दिये गए हैं. सबसे अधिक 221 करोड़ रुपये हिमाचल को मिले हैं. इससे पता चलता है कि हिमाचल ने इस मिशन में देश में सबसे अच्छा काम किया है.