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KNH पर बड़ी लापरवाही के आरोप, डिलीवरी के दौरान नवजात के शरीर पर आई चोटें

प्रदेश के एकमात्र मातृ-शिशु अस्पताल कमला नेहरू अस्पताल पर बड़ी लापरवाही के आरोप लगे हैं. यहां नर्सिंग स्टाफ पर डिलीवरी के वक्त लापरवाही और प्रसूता के साथ दुर्व्यवहार के गंभीर आरोप लगाए गए हैं. यही नहीं शिकायतकर्ताओं का कहना है कि डिलीवरी के दौरान नवजात के शरीर पर भी कटने के निशान थे.

Surgical blade marks found on new born baby's body in Kamla Nehru hospital
शिमला

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Published : Aug 13, 2020, 4:23 PM IST

Updated : Aug 13, 2020, 4:43 PM IST

शिमला: कमला नेहरू अस्पताल प्रदेश का एक मात्र मातृ-शिशु अस्पताल है, जहां कई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती है. इस अस्पताल में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर प्रसूता की लापरवाही के साथ डिलीवरी करवाने का आरोप लगा है.

इस संबंध में अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाला है. फेसबुक पोस्ट के अनुसार महिला की डिलीवरी पांच अगस्त को नर्सिंग स्टाफ ने की थी, जबकि डॉक्टर कोरोना ड्यूटी के लिए गए थे.

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उस दिन नर्सिंग स्टाफ ने करीब 45 डिलीवरी करवाई थी और जिन महिलाओं की डिलीवरी की गई, उनमें से ज्यादा नवजातों के शरीर पर कट के निशान थे. वहीं, महिलाओं के साथ नर्सिंग स्टाफ व्यवहार भी अच्छा नहीं था और कुछ महिलाओं को स्टाफ ने मारापीट भी की थी.

डिलीवरी के दौरान नर्स स्टाफ द्वारा इतनी बेरहमी से की गई है कि नवजात बच्चे के चेहरे और एक आंख के पास सर्जिकल ब्लेड के हल्के निशान पड़ गए हैं. पीड़ित प्रसूता के रिश्तेदार ने बताया कि महिला को डिलीवरी के लिए केएनएच (कमला नेहरू अस्पताल) लाया गया था, तो महिला की सभी रिपोर्ट नॉर्मल थी.

डिलीवरी के बाद जब महिला को बाहर लाया गया तो नवजात के शरीर पर पर कैंची व छुरी के निशान थे. साथ ही महिला की स्थिति इतनी खराब है कि वो करीब ढाई महीनों से बिस्तर से नहीं उठ पाई है. उन्होंने बताया की डिलीवरी के समय डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद थे, जिससे नर्सिंग स्टाफ ने महिला की डिलीवरी करवाई थी.

वहीं, प्रसूता ने बताया कि नॉर्मल डिलीवरी के बाद भी उसे 16 से टांके लगाए गए हैं. उन्होंने कहा कि डिलीवरी के वक्त उनके साथ इतना बूरा बर्ताव किया गया कि अब वह दोबारा कभी भी उस अस्पताल में नहीं जाएंगी.

वहीं, इस मामले में जनवादी महिला समिति शहरी की सचिव सोनिया शबरवाल ने बताया कि पीड़ित महिलाओं ने खुद अपनी आपबीती महिला समिति को सुनाई है. महिलाओं का कहना है कि अब उन्हें कमला नेहरू अस्पताल जाने में भी डर लगता है, इसलिए सरकार द्वारा अस्पताल में स्त्री विशेषज्ञ की नियुक्ती होनी चाहिए, ताकि ऐसी घटनाओं पर अंकुश लग सके.

उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति ने इस संबंध में प्रशासन से जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है.

केएनएच एमएस डॉक्टर अंबिका चौहान ने बताया कि उनके पास रिटर्न में कोई भी शिकायत नहीं आई है और अगर इस संबंध में महिला या उसके परिजनों द्वारा शिकायत की जाती है, तो दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि डिलीवरी के वक्त डॉक्टर हमेशा तैनात रहते हैं शायद मास्क पहनने के कारण महिला के परिजन डॉक्टर को पहचान नहीं पाए.

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Last Updated : Aug 13, 2020, 4:43 PM IST

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