शिमला: कमला नेहरू अस्पताल प्रदेश का एक मात्र मातृ-शिशु अस्पताल है, जहां कई गर्भवती महिलाओं की डिलीवरी होती है. इस अस्पताल में प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है. अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ पर प्रसूता की लापरवाही के साथ डिलीवरी करवाने का आरोप लगा है.
इस संबंध में अस्पताल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाते हुए एक व्यक्ति ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाला है. फेसबुक पोस्ट के अनुसार महिला की डिलीवरी पांच अगस्त को नर्सिंग स्टाफ ने की थी, जबकि डॉक्टर कोरोना ड्यूटी के लिए गए थे.
उस दिन नर्सिंग स्टाफ ने करीब 45 डिलीवरी करवाई थी और जिन महिलाओं की डिलीवरी की गई, उनमें से ज्यादा नवजातों के शरीर पर कट के निशान थे. वहीं, महिलाओं के साथ नर्सिंग स्टाफ व्यवहार भी अच्छा नहीं था और कुछ महिलाओं को स्टाफ ने मारापीट भी की थी.
डिलीवरी के दौरान नर्स स्टाफ द्वारा इतनी बेरहमी से की गई है कि नवजात बच्चे के चेहरे और एक आंख के पास सर्जिकल ब्लेड के हल्के निशान पड़ गए हैं. पीड़ित प्रसूता के रिश्तेदार ने बताया कि महिला को डिलीवरी के लिए केएनएच (कमला नेहरू अस्पताल) लाया गया था, तो महिला की सभी रिपोर्ट नॉर्मल थी.
डिलीवरी के बाद जब महिला को बाहर लाया गया तो नवजात के शरीर पर पर कैंची व छुरी के निशान थे. साथ ही महिला की स्थिति इतनी खराब है कि वो करीब ढाई महीनों से बिस्तर से नहीं उठ पाई है. उन्होंने बताया की डिलीवरी के समय डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारद थे, जिससे नर्सिंग स्टाफ ने महिला की डिलीवरी करवाई थी.