शिमला: शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने (UD Minister Suresh Bhardwaj) शहरी निकायों के जनप्रतिनिधियों से विकास कार्यों में अधिकारियों से बेहतर समन्वय स्थापित करने की बात कही. उन्होंने प्रतिनिधियों से शहरी विकास विभाग की बारीकियों को गंभीरता से लेने का आह्वान भी किया. सुरेश भारद्वाज ने लंबे समय से स्थापित रूढ़ियों को संशोधित करने के लिए निर्वाचित सदस्यों के बीच पूरी तरह से व्यवहार और व्यवहार परिवर्तन की आवश्यकता को भी रेखांकित किया.
शहरी विकास नगर नियोजन एवं सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज ने हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) में (Himachal Pradesh Institute of Public Administration) शहरी विकास विभाग द्वारा नगर निगम, नगर परिषद एवं नगर पंचायत के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित तीसरे चरण की प्रशिक्षण कार्यशाला का सोमवार को उद्घाटन किया. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण शिविर शहरी निकायों के लिए 18 से 19 अक्टूबर तथा 26-27 नवंबर को आयोजित किया गया था तथा इस कार्यशाला में शहरी विकास विभाग एवं नगर निकायों की कार्यप्रणाली से (Training program at HIPPA) जनप्रतिनिधियों को अवगत करवाया गया एवं उन्हें उनके दायित्व निर्वाहन पर भी विस्तृत जानकारी प्रदान की गई.
सुरेश भारद्वाज ने कोविड-19 महामारी के दौरान शहरी निकायों के (Representatives of Municipal corporation ) जनप्रतिनिधियों के महत्वपूर्ण योगदान की सराहना की जिससे असहाय एवं निर्धन वर्ग को लाभ मिला. शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शहरी स्थानीय निकाय राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं और निर्वाचित प्रतिनिधियों के प्रशिक्षण से क्षमता निर्माण में मदद मिलेगी.
उन्होंने नगर निगमों के महापौरों और उप महापौरों, प्रदेश के शहरी स्थानीय निकायों के अध्यक्षों और उपाध्यक्षों को संबोधित करते हुए कहा कि सभी सदस्यों को शहरी स्थानीय निकायों के प्रभावी कामकाज के लिए अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में सक्षम बनाने के लिए कौशल प्रदान करने और ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में भाजपा सरकार के (BJP Government Himachal) सतारूढ़ होने पर पूर्व में शहरी स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान किया था. वर्तमान में इन निकायों में 50 प्रतिशत से अधिक महिला प्रतिनिधि चुनी जाती हैं.