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सहकारिता मंत्रियों के राष्ट्रीय सम्मेलन में बोले सुरेश भारद्वाज, हिमाचल ने देश को पढ़ाया सहकारिता का पाठ - National Conference of State Cooperative Ministers

दिल्ली में दो दिवसीय राज्य सहकारिता मंत्रियों का राष्ट्रीय सम्मलेन में हिमाचल के सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज (himachal cooperative minister suresh bhardwaj) भी शिरकत करने पहुंचे हैं. इस दौरान सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश को सहकारिता का पाठ पढ़ाने में हिमाचल का अहम योगदान है.

himachal cooperative minister suresh bhardwaj
हिमाचल के सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज

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Published : Sep 8, 2022, 8:43 PM IST

शिमला: हिमाचल के सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज (himachal cooperative minister suresh bhardwaj) ने कहा कि देश को सहकारिता का पाठ पढ़ाने में हिमाचल का अहम योगदान है. देश में सबसे पहले हिमाचल में ही सहकारिता की नींव रखी गई थी यह आंदोलन एक सदी से भी अधिक पुराना है हिमाचल में 130 साल पहले सहकारिता की शुरुआत गुना जिला के पंजावर से हुई थी. इस समय हिमाचल प्रदेश में 1900000 लोग प्रत्यक्ष रुप से सहकारिता से जुड़े हैं सुरेश भारद्वाज नई दिल्ली में राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे यह आयोजन केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुआ.

इस अवसर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के सहकारी आंदोलन (National Conference of State Cooperative Ministers) में एक महत्वपूर्ण पहल 6 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने से हुई और प्रधानमंत्री ने देश को 'सहकार से समृद्धि' का मन्त्र भी दिया.

सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 19 लाख लोग सहकारिता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को बहुद्देशीय सेवा केंद्रों में बदलने सम्बन्धी योजना में केन्द्र द्वारा प्रदत्त 50 सभाओं के लक्ष्य के विपरीत 46 सभाओं को रूपांतरित कर दिया गया है और 19 अन्य सभाओं के रूपांतरण का कार्य प्रगति पर है. इन प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए समुचित बजट प्रावधान करते हुए प्रदेश व जिला स्तरीय समितियों का गठन कर लिया गया है.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 97वें संवैधानिक संशोधन के अनुसार प्रदेश के सहकारी कानून में कुछ बदलाव किये गए हैं. अब सहकारी सभाएं अपनी आम सभा में प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गए ऑडिटर के पैनल में से ऑडिटर्स को चुन सकती हैं. इस से अधिक लोगों को रोज़गार मिलने के साथ ही सहकारी सभाओं के काम में पारदर्शिता रहेगी.

उन्होंने कहा कि देश में एफपीओ (कृषक-उत्पादक संगठन) क्रान्ति शुरू हुई है और हिमाचल भी इसमें अपना योगदान दे रहा है. हिमाचल प्रदेश ने सहकारिता के इस नए रूप में युवाओं को जोड़ने की दृष्टि से युवा सहकार योजना के रूप में एक पहल की है. प्रदेश में कुछ जगहों पर केंद्रीय योजनाओं में चुने गए उत्पादों के अलावा सेब व अन्य फसलों के बागवान-किसानों को सहकारिता के इस नए रूप से जोड़ा जा रहा है. इस योजना के तहत बनने वाली समितियों में कम से कम 60 प्रतिशत युवा होंगे और समिति को चलने में मदद करने के लिए विभाग के इंस्पेक्टर अधिकृत किये गए हैं. इस कार्यक्रम के सुचारु क्रियान्वयन के लिए एक कार्यबल का भी गठन किया गया है. अभी तक केंद्र की योजनानुसार प्रदेश में 16 नए एफपीओ बनाये गए हैं और 30 के लगभग एफपीओ बनाने का कार्य अंतिम चरण में हैं.

उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह (Union Home and cooperative Minister Amit Shah) ने भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया है. उन्होंने कहा कि इसी कड़ी में हिमाचल में भी प्राथमिक सहकारी सभाओं की कवरेज बढ़ाने पर तेज़ी से काम चल रहा है. वर्तमान में प्रदेश में 4881 सहकारी सभाएं पंजीकृत हैं जिनमें से 2178 प्राथमिक सहकारी सभाएं हैं.

सुरेश भारद्वाज ने कहा कि राज्य सरकार ने सहकारी क्षेत्र में प्रशिक्षण योजना भी तैयार की है. इसके लिए हिमकोफेड को नोडल एजेंसी बनाया गया है. उन्होंने कहा कि राज्य में एफपीओ से सम्बंधित प्रशिक्षण का कार्यक्रम भी तैयार किया है. प्रबन्धन समिति के सदस्यों को सहकारिता का प्रशिक्षण देने का काम राज्य, जिला और खंड स्तर पर किया जा रहा है.

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