शिमला: हिमाचल के सहकारिता मंत्री सुरेश भारद्वाज (himachal cooperative minister suresh bhardwaj) ने कहा कि देश को सहकारिता का पाठ पढ़ाने में हिमाचल का अहम योगदान है. देश में सबसे पहले हिमाचल में ही सहकारिता की नींव रखी गई थी यह आंदोलन एक सदी से भी अधिक पुराना है हिमाचल में 130 साल पहले सहकारिता की शुरुआत गुना जिला के पंजावर से हुई थी. इस समय हिमाचल प्रदेश में 1900000 लोग प्रत्यक्ष रुप से सहकारिता से जुड़े हैं सुरेश भारद्वाज नई दिल्ली में राज्यों के सहकारिता मंत्रियों के सम्मेलन में बोल रहे थे यह आयोजन केंद्रीय मंत्री अमित शाह की अगुवाई में हुआ.
इस अवसर सुरेश भारद्वाज ने कहा कि देश के सहकारी आंदोलन (National Conference of State Cooperative Ministers) में एक महत्वपूर्ण पहल 6 जुलाई, 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एक अलग सहकारिता मंत्रालय का गठन करने से हुई और प्रधानमंत्री ने देश को 'सहकार से समृद्धि' का मन्त्र भी दिया.
सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रदेश में लगभग 19 लाख लोग सहकारिता से प्रत्यक्ष रूप से जुड़े हैं. उन्होंने कहा कि हिमाचल में प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों (पैक्स) को बहुद्देशीय सेवा केंद्रों में बदलने सम्बन्धी योजना में केन्द्र द्वारा प्रदत्त 50 सभाओं के लक्ष्य के विपरीत 46 सभाओं को रूपांतरित कर दिया गया है और 19 अन्य सभाओं के रूपांतरण का कार्य प्रगति पर है. इन प्राथमिक कृषि सहकारी समितियों के कम्प्यूटरीकरण के लिए समुचित बजट प्रावधान करते हुए प्रदेश व जिला स्तरीय समितियों का गठन कर लिया गया है.
सुरेश भारद्वाज ने कहा कि सहकारिता आंदोलन को गति प्रदान करने के लिए 97वें संवैधानिक संशोधन के अनुसार प्रदेश के सहकारी कानून में कुछ बदलाव किये गए हैं. अब सहकारी सभाएं अपनी आम सभा में प्रदेश सरकार द्वारा बनाये गए ऑडिटर के पैनल में से ऑडिटर्स को चुन सकती हैं. इस से अधिक लोगों को रोज़गार मिलने के साथ ही सहकारी सभाओं के काम में पारदर्शिता रहेगी.