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सचिवालय सेनिटाइजर घोटाले में आरोपी सुपरिटेंडेंट सस्पेंड

जयराम सरकार में हुए सेनिटाइजर घोटाले में आरोपी सुपरिटेंडेंट को सस्पेंड कर दिया गया गया है. हिमाचल सरकार का कहना है कि यह कदम विभागीय जांच के बाद उठाया गया है. फिलहाल मामले की जांच विजिलेंस के हवाले की गई है.

Himachal Sanitizer scam case
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Published : May 29, 2020, 10:55 PM IST

Updated : May 29, 2020, 11:02 PM IST

शिमलाः कोरोना वायरस की महामारी के दौर में जयराम सरकार में हुए सेनिटाइजर घोटाले में आरोपी सुपरिंटेंडेंट को सस्पेंड किया गया है. प्रदेश सरकार का कहना है कि यह कदम विभागीय जांच के बाद उठाया गया है. फिलहाल मामले की जांच विजिलेंस के हवाले की गई है.

मामले में विजिलेंस सीसीटीवी फुटेज से लेकर क्‍लर्कों के बयानलेकर इस घोटाले की कड़ियां जोड़ने में जुटी हुई है. कहा जा रहा है कि सेनिटाइजर घेटाले के सामने आने से पहले आरोपी सुपरइटेंडेंट को इस शाखा से बदलने का तीन बार जयराम ठाकुर के बड़े बाबूओं से आग्रह किया जा चुका है, लेकिन आला अधिकारियों ने एक बार भी इस आग्रह पर गौर नही फरमाया है.

बताते हैं कि इस सुपरइंटेंडेंट की सरकार के समर्थक वाले एक संगठन में अंदर तक पैठ है. प्रदेश सचिवालय में चर्चा है कि गेट पर लगे सीसीटीवी फुटेज के अनुसार सुप्रीटेंडेंट और सप्लायर एक ही सरकारी गाड़ी से पहुंचते हैं और साथ ही अंदर आते हुए दिखाई देते हैं. चर्चा यह भी है कि स्टोर रूम में ही पेटियां फाड़ कर सेनिटाइजर की शीशियों पर अंकित मूल्य 30 रूपये के स्थान पर 130 रुपये की मुहर लगाई गई.

हालांकि इस बात में कितनी सच्चाई है यह अभी जांच का विषय है और विजिलेंस मामले से संबंधित दस्तावेज अपने साथ ले गई है. इसके अलावा सीसीटीवी फुटेज भी खंगाली जा रही है. इस संबंध में जांच एजेंसी द्वारा तीन क्लर्कों के बयान भी दर्ज किए हैं और इन सभी ने यह बात लिखित में स्वीकार की है कि 30 रुपये के स्थान पर 130 रूपये की मुहर लगाई है. फिलहाल इस पर जांच जारी है.

चर्चा है कि सुपरिटेंडेंट की शिकायत पहले भी आला अधिकारियों से कई बार की गई है और किसी अन्य ब्रांच में ट्रांसफर की मांग भी की गई थी, लेकिन आला अधिकारियों ने हर बार ट्रांसफर की बात को अनसुना कर दिया.

दरअसल मामले में 18 मार्च से लेकर 20 अप्रैल तक के सीसीटीवी फुटेज की जांच हो रही है. वीरवार को वीजिलेंस ने एसएडी से पूरा रिकार्ड कब्जे में लिया था, प्राप्त जानकारी के मुताबिक एसएडी ने एनआईसी के माध्यम से बीते 11 मार्च को टेंडर आमंत्रित किया था, जिसमें छह निविदाएं आई, इनमें से सबसे कम रेट वाला 130 रुपये प्रति सेनिटाइजर फाइनल हुआ.

पहले चरण में सेनिटाइजर की 2,900 यूनिट की सप्लाई हुई, जिसका रेट 130 रूपये तय हुआ था, उसी बीच केंद्र सरकार की नई गाइडलाइन जारी हुई, जिसमें कहा गया था कि सेनिटाइजर का रेट 50 रूपये से अधिक नहीं होगा, उसके बाद ही 50 रूपये के सेनिटाइजर पर 130 रूपये की मुहर लगाने का मामला सामने आया.

इसमें गौर करने वाली बात यह भी है कि केंद्रीय गाइडलाइन के बाद ठेकेदार 50 रुपये प्रति यूनिट के अनुसार सेनिटाइजर की सप्लाई करने को राजी हो गया. पूरे मामले में अभी तक ठेकेदार को पेमेंट भी नहीं दी गई है.

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Last Updated : May 29, 2020, 11:02 PM IST

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