शिमला: हिमाचल प्रदेश के इतिहास में दो घटनाओं से जुड़े दिवस महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं. इस कड़ी में पहली तारीख 15 अप्रैल और दूसरी 25 जनवरी है. सात दशक पूर्व 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल की नींव रखी गई. छोटी-बड़ी करीब तीस रियासतों को मिलाकर हिमाचल का गठन किया गया. फिर 25 जनवरी 1971 को हिमाचल प्रदेश को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. कठिन भौगोलिक परिस्थितियों वाले प्रदेश हिमाचल में इसके गठन के समय जीवन बहुत संघर्षपूर्ण था. यहां न तो पर्याप्त सड़कें थी और न ही शिक्षण और स्वास्थ्य संस्थान. डॉ. वाईएस परमार ने हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने के लिए बहुत प्रयास किए और वे अपने मिशन में सफल रहे. राज्य के लिए निरंतर काम करने और निर्णायक फैसलों के कारण वे हिमाचल निर्माता कहलाए.
शुक्रवार को हिमाचल दिवस (himachal foundation day) है और इस अवसर पर राज्य के अब तक के सफर को याद करना जरूरी है. अपने गठन के दो दशक बाद हिमाचल को पूर्ण राज्य का दर्जा मिला. तब हिमाचल की प्रति व्यक्ति आय छह सौ रुपए से कुछ अधिक थी. अब ये आंकड़ा दो लाख रुपए सालाना को छूने जा रहा है. इस सफर में हिमाचल ने सफलता के कई शिखर चूमे हैं. चुनौतियों के बीच सफलताओं को हासिल करने का ये सफर निरंतर जारी है.
पहाड़ी राज्यों के लिए मिसाल है हिमाचल:हिमाचल प्रदेश के गठन के समय यहां कुल 228 किलोमीटर लंबी सड़कें थीं. चूंकि हिमाचल में रेल (Rail network in Himachal) और हवाई परिवहन की गुंजाइश काफी कम है, लिहाजा परिवहन का साधन सड़कें ही हैं. प्रदेश की सभी सरकारों ने यहां सड़कों का जाल बिछाने के लिए काम किया. अब हिमाचल में चालीस हजार किलोमीटर लंबी सड़कें हैं और हर पंचायत सड़क से जुड़ी हुई है. आकार व आबादी के नजरिए से हिमाचल प्रदेश छोटा राज्य है, लेकिन इसने अनेक बड़ी सफलताएं अर्जित कर देश के बड़े राज्यों को हतप्रभ किया है. अनेक मोर्चे ऐसे हैं, जहां हिमाचल प्रदेश देश के अन्य राज्यों के मुकाबले शिखर पर खड़ा है. आगे की पंक्तियों में हिमाचल की सफलताओं को पढ़ना सुखद अनुभूति है.
1. ई-विधानसभा वाला हिमाचल देश का पहला राज्य. यही नहीं, हिमाचल प्रदेश ई-कैबिनेट, ई-बजट पेश करने वाला भी देश का पहला राज्य है.
2. हिमाचल प्रदेश देश का पहला धुआं मुक्त राज्य है. यहां हर घर में गैस का चूल्हा है.
3. छह साल पहले हिमाचल प्रदेश देश का पहला ओडीएफ स्टेट बन चुका है.
4. ग्रीन कवर बढ़ाकर कार्बन क्रेडिट हासिल करने वाला हिमाचल एशिया का पहला राज्य है.
5. हिमाचल प्रदेश ने देश के कोल्ड डैजर्ट लाहौल-स्पीति में नल से जल पहुंचा दिया है. हिमाचल हर घर को नल से जल देने वाला देश का पहला राज्य बनने की दिशा में है.
6. हिमाचल में देश का पहला हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज (Country first hydro engineering college in Himachal) शुरू हो चुका है.
7. बर्फानी तेंदुए व इसका शिकार बनने वाले जानवरों का अध्ययन करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य है.
8. हिमाचल प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन साठ साल से ही शुरू हो जाती है.
9. कैंसर व अन्य ब्लड डिसऑर्डर सहित गंभीर रूप से बीमार मरीजों को हिमाचल सरकार हर माह तीन हजार रुपए की आर्थिक सहायता देती है. ऐसी योजना शुरू करने वाला देश का पहला राज्य.
10. शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में हिमाचल देश के अग्रणी राज्यों की कतार में है. हिमाचल की साक्षरता दर (Himachal literacy rate) 86 फीसदी से अधिक है. यहां एम्स सहित आईआईएम, आईआईटी, ट्रिप्पल आईटी, हाइड्रो इंजीनियरिंग कॉलेज सहित छह मेडिकल कॉलेज अस्पताल हैं.
11. हिमाचल प्रदेश ने कोरोना नियंत्रण में भी महत्वपूर्ण कार्य किया है. सौ फीसदी कोरोना वैक्सीन की डोज देने वाला देश का पहला राज्य हिमाचल ही है. इसके अलावा हिमाचल ने कोरोना की एक भी डोज बर्बाद नहीं की.
12. हिमाचल में प्रति व्यक्ति सबसे अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं. सेहत पर सबसे अधिक खर्च करने वाला भी हिमाचल देश का अव्वल राज्य है. हिमाचल में चार हजार से अधिक स्वास्थ्य संस्थान हैं. हिमाचल में प्रति व्यक्ति बैंक शाखाएं देश में सबसे अधिक हैं.
13. हिमाचल प्रदेश एशिया का फार्मा हब (Himachal Pradesh Pharma Hub of Asia) कहलाता है. यहां सालाना 45 हजार करोड़ रुपए का दवा उत्पादन होता है.
हिमाचल के खास आकर्षण: हिमाचल प्रदेश पर्यटन के स्वर्ग के तौर पर पहचान रखता है. यहां साल भर में पौने दो करोड़ सैलानी घूमने के लिए आते हैं. हिमाचल को देश का एप्पल स्टेट (Himachal is the Apple State of the country) कहा जाता है. इसके अलावा हिमाचल देश का ऊर्जा राज्य भी है. प्रदेश की आबादी सत्तर लाख से अधिक है. यहां की जागरूक जनता की पहचान है कि चुनाव में मतदान प्रतिशत 70 फीसदी से अधिक ही रहता है.
हिमाचल को देश का एप्पल स्टेट. चुनौतियां अभी भी कम नहीं:हिमाचल प्रदेश के पास खुद के आर्थिक संसाधन बहुत कम हैं. राज्य अपने यहां विकास कार्यों के लिए अधिकांशत केंद्र की मदद पर निर्भर है. हिमाचल प्रदेश पर 62 हजार करोड़ रुपए से अधिक का कर्ज. यहां आठ लाख से अधिक बेरोजगार युवा हैं. रोजगार के साधनों का सृजन करना बड़ी चुनौती है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का कहना है कि राज्य की तरक्की में सभी सरकारों ने अपने-अपने स्तर पर योगदान दिया है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सुरेश कश्यप (BJP State President Suresh Kashyap) के अनुसार राज्य सरकार विकास में पिछड़े इलाकों पर खास फोकस कर रही है. प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप सिंह राठौर का कहना है कि हिमाचल निर्माता डॉ. वाईएस परमार ने यहां विकास की नींव रखी. वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में प्रदेश में विकास की रफ्तार तेज हुई.
नाटी पर थिरकने से खुद को नहीं रोक पाते थे वीरभद्र सिंह. उल्लेखनीय है कि हिमाचल प्रदेश में डॉ. वाईएस परमार, रामलाल ठाकुर, वीरभद्र सिंह, शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल के बाद जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री का पद संभाल रहे हैं. हिमाचल में शांता कुमार को नल वाले सीएम, प्रेम कुमार धूमल को सड़कों वाले सीएम और जयराम ठाकुर को पेंशन वाले सीएम कहा जाता है. वीरभद्र सिंह को विकास पुरुष की संज्ञा दी गई है। ऐसे में हर सरकार के कार्यकाल में विकास के काम हुए हैं.