शिमला:कारगिल युद्ध के दौरान शहीदों के नाम पर कफन और ताबूत घोटाला करने वाली भाजपा सरकार अब चुनावों में घड़ियाली आंसू बहा रही है और सैनिकों की हितैषी होने का ढोंग रच रही है. यह आरोप हिमाचल प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ प्रवक्ता दीपक शर्मा ने शिमला स्थित पार्टी मुख्यालय में आयोजित प्रेस वार्ता में भाजपा पर लगाए हैं.
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में 1962 और 1971 के युद्ध हुए जिसमें दुश्मनों को धूल चटा कर विजय हासिल की. पाकिस्तान के दो टुकड़े करके बांग्लादेश बनाया. उसके बाद भी कई सर्जिकल स्ट्राइक की गईं, लेकिन कांग्रेस ने कभी भी इनके नाम पर चुनावों में वोट नहीं मांगे. सेना की उपलब्धियों के नाम पर चुनावों में वोट नहीं मांगे, लेकिन भाजपा ने सेना का भी राजनीतीकरण किया.
कारगिल, पुलवामा और सर्जिकल स्ट्राइक के नाम पर वोट मांगने का काम किया. एक रेंक एक पेंशन के नाम और सैनिकों के साथ धोखा किया. निहत्थे सैनिकों पर 14 अगस्त 2015 में लाठीचार्ज किया. ईसीएचएस के तहत क्लीनिकों को पैसा नहीं दिया और कार्ड की कीमत 150 रुपए से 200 रुपए कर दी. पूर्व सैनिकों को मिलने वाली अपंगता पेंशन पर आयकर लगा दिया. सीडीएस कैंटीन में मिलने वाले सामान में 50 प्रतिशत कटौती कर दी. 35 वर्ष से कम सेवाकाल पर सैनिकों की पेंशन रोकने की शिफारिश की गई है. यह भाजपा की दोगली नीति को दर्शाता है.