शिमला: प्रदेश सरकार की ओर से टीजीटी पदनाम सिर्फ बीएड किये हुए शास्त्री अध्यापकों को ही दिया जाएगा. सोमवार को गेयटी थियेटर में प्रदेश सरकार की ओर से संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा देने और स्कूलों में दूसरी कक्षा से ही संस्कृत विषय को शुरू करने पर सरकार का धन्यवाद करने के लिए अभिनंदन कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की. इस मौके पर सीएम के साथ शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज भी उपस्थित रहे.
इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि संस्कृत भाषा का भारत की मूल संस्कृति में काफी योगदान है. इस भाषा को देवभाषा के नाम से जाना जाता था. हिन्दू धर्म में चाहे कोई भी अनुष्ठान हो, पूजा हो या फिर कोई धार्मिक अनुष्ठान सभी में संस्कृत भाषा में ही श्लोक पढ़े जाते हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश में हिंदी के बाद संस्कृत को दूसरी राजभाषा का दर्जा दिया गया है. वहीं, अब सरकार संस्कृत भाषा को और मजबूत ओर प्रोत्साहित करने के लिए कदम उठाएगी. सभी सरकारी स्कूलों में संस्कृत भाषा को पढ़ाने के प्रयास किए जाएंगे.