शिमला: राजधानी शिमला में गुरु नानक देव जी का 550वां प्रकाशोत्सव धूमधाम से मनाया गया. इस मौके पर श्री गुरुद्वारा साहिब में राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय, सीएम जयराम ठाकुर, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह और शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज माथा टेकने के लिए पहुंचे और आशीर्वाद लिया.
मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने प्रदेशवासियों को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि श्री गुरु नानक देव सिख धर्म के पहले गुरु थे, जिन्होंने अपने आप को एक धर्म तक सीमित नहीं रखा, बल्कि सभी धर्मों की शिक्षाओं को अपनाया.
सीएम ने जयराम ठाकुर ने कहा कि श्री नानक देव जाति, रंग, धर्म और नस्ल के आधार पर लोगों में भेदभाव करने में विश्वास नहीं रखते थे, इसलिए गुरु नानक देव के जीवन से सभी को प्रेरणा लेने चाहिए. उन्होंने कहा कि सांप्रदायिक दृष्टि से हिमाचल में कोई ऐसा वाक्या नहीं हुआ है, जिससे समाज में फूट पड़े.
उन्होंने लोगों से जाति, रंग, मत और धर्म से ऊपर उठकर साल भर चलने वाले समारोह में पूरे हर्षोल्लास से भाग लेने का आग्रह किया.
राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि गुरु नानक देव ने देश और धर्म को बचाने के लिए त्याग किया है. ऐसे में लोगों को गरीब, अमीर, धर्म और जाति से ऊपर उठकर मानवता के रूप में देश हित के लिए काम करना चाहिए यही गुरु नानक देव के लिए ये सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने प्रदेशवासियों को गुरु नानक देव जी के 550वें प्रकाशोत्सव की बधाई दी और कहा कि हर साल इस दिन मैं श्री गुरुद्वारा साहिब आता हूं. पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह दोपहर करीब एक बजे गुरुद्वारा में माथा टेकने पहुंचे.
इसके अलावा मुख्यमंत्री जयराम सुबह करीब 11 बजे श्री गुरुद्वारा साहिब पहुंचे, जबकि राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय एक बजे माथा टेकने के लिए गुरुद्वारा पहुंचे. इसी बीच गुरुद्वारे में बाहर से आए रागी जत्थों ने अपनी प्रस्तुतियां दी.
सुबह 4:30 बजे गुरुद्वारे में प्रकाश हुआ, जिसके बाद सुखमनी पाठ आशा दी वार कीर्तन भाई सुखजिंदर सिंह ने किया. साथ ही हजूरी रागी जत्था दरबार साहब के गुरजिंदर सिंह और गुरमीत सिंह ने संगत को अपनी वाणी से निहाल किया.