शिमला: खूबसूरत पहाड़, कल-कल बहती नदियों की धारा, हरे भरे जंगल, मंदिरों में बजती देव धुन, नाटियों पर झूमते लोग और देवताओं की पालकियां, जी हां यही है हिमाचल प्रदेश. हिमाचल प्रदेश का इतिहास उतना ही प्राचीन है, जितना कि मानव जीवन का इतिहास. आज हिमाचल प्रदेश पूरे 75 साल का हो गया है. जनवरी, 1948 को हिमाचल के सोलन जिले में शिमला हिल्स स्टेट्स यूनियन का सम्मेलन हुआ और इसी सम्मेलन में हिमाचल प्रदेश के निर्माण की घोषणा गई.
दूसरी तरफ प्रजा मंडल के नेताओं का शिमला में सम्मेलन हुआ, जिसमें यशवंत सिंह परमार ने इस बात पर जोर दिया कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण तभी संभव है, जब शक्ति प्रदेश की जनता और राज्य के हाथ सौंप दी जाए. जिसके बाद 15 अप्रैल 1948 को हिमाचल प्रदेश राज्य का निर्माण किया गया. उस समय प्रदेश भर को चार जिलों में बांटा गया और पंजाब हिल स्टेट्स को पटियाला और पूर्व पंजाब राज्य का नाम दिया गया.
हिमाचल की सभ्यता, देश के बाकी राज्यों के लिए किसी आदर्श से कम नहीं है. यहां के लोग जितने मेहनती हैं उतने ही सरल स्वभाव के भी. यहां की संस्कृति हर किसी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है. पहाड़ी नाटियों पर तो खुद-ब-खुद देवताओं के रथ भी झूम उठते हैं. यहां के मंदिर और देव स्थान अद्भुत और रहस्यमयी हैं. इसके अलावा हिमाचल अपने बागावनी के लिए भी पूरी दुनिया में मशहूर है. यहां का सेब ना केवल हिमाचल बल्रकि पूरी दुनिया में अपनी अलग पहचान रखता है.