हिमाचल प्रदेश

himachal pradesh

ETV Bharat / city

हिमाचल और भाजपा: छोटे राज्य से निकले बड़े नेता, अटल और मोदी का भी देवभूमि से खास कनेक्शन

भारतीय जनता पार्टी आज अपना 42वां स्थापना दिवस (BJP Establishment Day) मना रही है. वैसे तो भाजपा की स्थापना (BJP Establishment Day) 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, लेकिन इस पार्टी के उदय के बीज एमरजेंसी के समय ही देश की सियासी जमीन पर पड़ चुके थे. जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के समग्र क्रांति आंदोलन ने हिमाचल में भी तूफान उठाया था. भाजपा के स्थापना दिवस पर हिमाचल और पार्टी के स्थानीय और राष्ट्रीय संदर्भों को साथ लेकर इसकी दशा और दिशा पर बात करना प्रासंगिक रहेगा.

special story on bjp foundation day
हिमाचल और भाजपा

By

Published : Apr 6, 2022, 7:50 AM IST

Updated : Apr 6, 2022, 9:50 AM IST

शिमला:अपनी सियासी यात्रा के चार दशक से अधिक के सफर में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है. हिमाचल और भाजपा के रिश्ते में एक नहीं बल्कि अनेक भावनात्मक कड़ियां हैं. भाजपा के सबसे बड़े नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) से लेकर मौजूदा समय में पार्टी के पर्याय बन चुके नरेंद्र मोदी का हिमाचल से खास लगाव है. फिर महत्वपूर्ण बात ये है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की कमान देवभूमि के नेता जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के हाथ में है. हिमाचल और भाजपा का (Himachal pradesh bjp) एक और दिलचस्प रिश्ता है. पार्टी को देश की सत्ता के शीर्ष पर ले जाने में राम मंदिर आंदोलन की भूमिका से कैसे इनकार किया जा सकता है. राम मंदिर आंदोलन का प्रस्ताव भी हिमाचल प्रदेश के पालमपुर (Ram temple movement proposal in Himachal) में ही पेश किया गया था. भाजपा के स्थापना दिवस पर हिमाचल और पार्टी के स्थानीय और राष्ट्रीय संदर्भों को साथ लेकर इसकी दशा और दिशा पर बात करना प्रासंगिक रहेगा.

वैसे तो भाजपा की स्थापना (BJP Establishment Day) 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, लेकिन इस पार्टी के उदय के बीज एमरजेंसी के समय ही देश की सियासी जमीन पर पड़ चुके थे. जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के समग्र क्रांति आंदोलन ने हिमाचल में भी तूफान उठाया था. एमरजेंसी के दौरान हिमाचल में लोक संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन हुए और शांता कुमार, राधारमण शास्त्री सरीखे शीर्ष नेता जेल में डाल दिए गए. बाद में 1977 में हिमाचल में भी जनता पार्टी की सरकार बनी और शांता कुमार ने मुख्यमंत्री (former himachal cm shanta kumar) का पद संभाला. खैर, वर्ष 1980 में छह अप्रैल को भाजपा की स्थापना हुई. संघर्ष के लंबे दौर के बाद अब राजनीतिक तौर पर भाजपा का स्वर्ण काल है. चार दशक के इस सफर में हिमाचल और भाजपा के रिश्ते निरंतर प्रगाढ़ हुए हैं. पार्टी के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते थे. उन्होंने कुल्लू के प्रीणी में आशियाना बनाया. इस समय पार्टी के ब्रांड नरेंद्र मोदी हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे. उनके प्रभारी रहते 1998 में हिमाचल में भाजपा सत्ता में आई और पहली बार पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.

वीडियो

सबसे पहले पहाड़ी राज्य हिमाचल की धरती पर भाजपा रूपी सियासी पौधे के पेड़ होने तक के सफर पर बात करते हैं. इस समय छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की चार में से तीन लोकसभा सीट पर भाजपा के सांसद हैं. यहां से राज्यसभा की तीनों सीटें भी भाजपा के पास हैं. प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और चार दशक में हिमाचल में इस समय भाजपा मिशन रिपीट के सफल होने का दावा कर रही है. पार्टी के पास प्रदेश स्तर पर इस समय 7792 बूथ का प्रभावशाली नेटवर्क है और इसकी सदस्य संख्या छह लाख से अधिक है. वैसे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिहाज से भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, परंतु सफलता की इस इमारत का नींव पत्थर रखने वालों ने जटिल और कठिन संघर्ष का समय भी देखा है.

ये भी पढ़ें: स्थापना दिवस से शुरू होगा भाजपा का महा जनसंपर्क अभियान, हर घर पहुंचेगी PM मोदी और CM जयराम की चिट्ठी

हिमाचल में शांता कुमार भाजपा के सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष भी थे और पहले मुख्यमंत्री भी. आपातकाल के दौरान के उनके साथी राधारमण शास्त्री पार्टी के पहले महासचिव (himachal bjp first general secretary radharaman shastri) थे. वे वर्ष 1980 से 1990 तक महासचिव रहे. ईटीवी से उस दौर के अनुभव साझा करते हुए राधारमण शास्त्री ने कहा कि तब पार्टी के पास केवल एक वाहन होता था और उसका प्रयोग पार्टी के तत्कालीन मुखिया शांता कुमार करते थे. भाजपा के काम करने वाले अन्य पदाधिकारी बसों में सफर करते थे. वो समय आर्थिक तंगी का था. पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता और पदाधिकारी पैदल यात्रा कर गांव-गांव तक जाते थे.

शांता कुमार, पूर्व सीएम, हिमाचल प्रदेश

राधारमण शास्त्री उस दौर के संघर्ष को याद करते हुए कहते हैं कि तब अभाव का दौर था. यहां बता दें कि शास्त्री जनता पार्टी की 1977 की सरकार के समय हिमाचल में पर्यटन निगम के अध्यक्ष थे. बाद में 1990 में राधारमण शास्त्री हिमाचल में भाजपा की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे. उससे पहले वे विधानसभा अध्यक्ष भी रहे. पार्टी में उस समय किशोरी लाल भी मुख्य चेहरा थे. बाद में नगीनचंद्र पाल का नाम जुड़ा और अब ये विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर हो गया है. हिमाचल ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े चेहरे दिए हैं. शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल से लेकर ये सूची अब जेपी नड्डा व अनुराग ठाकुर तक जाती है. हिमाचल में शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल दो-दो बार सीएम बने हैं. अब जयराम ठाकुर चार साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री का पदभार संभाल रहे हैं. शांता कुमार एक बार जनता पार्टी तो दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में सीएम बने. शांता कुमार केंद्रीय मंत्री रहे हैं. इसी तरह जेपी नड्डा भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे और अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. अनुराग सिंह ठाकुर केंद्र में प्रभावशाली मंत्री हैं.

जेपी नड्डा, बीजेपी अध्यक्ष

हिमाचल भाजपा वर्तमान में छह लाख से अधिक सदस्यों वाली मजबूत पार्टी है. पार्टी का विस्तार बूथ स्तर तक है. पार्टी के कुल बूथ 7792 हैं. हर तीन साल में सदस्यता अभियान चलाया जाता है. इस साल भी सदस्यता अभियान शुरू होना है. यदि सत्ता की बात की जाए तो प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में पहली बार पार्टी ने 1998 में अपने बूते पांच साल सरकार चलाई. फिर 2007 से 2012 में भी धूमल के नेतृत्व में पांच साल सरकार चली. वर्ष 2017 में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने और अब पार्टी मिशन रिपीट का दावा कर रही है.

संगठन की बात की जाए तो हिमाचल प्रदेश में शांता कुमार पार्टी के पहले अध्यक्ष थे. नगीन चंद्र पाल भाजपा के दूसरे अध्यक्ष थे. बाद में सतपाल सिंह सत्ती के नाम लंबे समय तक पार्टी मुखिया रहने का रिकॉर्ड है. सत्ती दस साल से भी अधिक समय तक पार्टी के अध्यक्ष रहे. पार्टी के बड़े नामों में शांता कुमार, किशोरी लाल, ठाकुर जगदेव चंद, नगीनचंद्र पाल, राधारमण शास्त्री, प्रेम कुमार धूमल, जेपी नड्डा, महेश्वर सिंह, जयराम ठाकुर सहित युवाओं में अनुराग ठाकुर का नाम आता है. मौजूदा समय में शिमला से सांसद सुरेश कश्यप पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हैं.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में पार्टी के मतों का अंतर कांग्रेस के मुकाबले अधिक था. पार्टी को 69 फीसदी मत मिले. पार्टी के प्रथम महासचिव राधारमण शास्त्री के अनुसार सभी ने मिलकर भाजपा को इस मुकाम तक पहुंचाया है. शास्त्री के अनुसार पार्टी ने वो दौर भी देखा है, जब कार्यकर्ता अपनी जेब से खर्च कर पार्टी का काम करते रहे. समय के इस दौर में चुनाव प्रचार में पार्टी के बड़े नेता रैलियों के लिए हैलीकॉप्टर में जाते हैं. शिमला में भाजपा का आलीशान मुख्यालय है. प्रदेश में अन्य स्थानों पर भी कार्यालय की व्यवस्था है. पार्टी के अनेक मोर्चे व प्रकोष्ठ हैं. भारतीय जनता युवा मोर्चा, किसान मोर्चा, महिला मोर्चा के अलावा विभिन्न प्रकोष्ठ हैं. पार्टी अध्यक्ष सुरेश कश्यप कहते हैं कि भाजपा देश के अन्य राजनीतिक दलों से अलग है. यहां कार्यकर्ताओं का सम्मान किया जाता है. पार्टी में परिवारवाद नहीं है और आम कार्यकर्ता भी मेहनत से पार्टी के सर्वोच्च पद पर पहुंच सकता है. सुरेश कश्यप कहते हैं कि वे इसका उदाहरण हैं. पार्टी में एक दलित वर्ग का कार्यकर्ता विधायक, सांसद और पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष बन सकता है. भाजपा की यही खासियत उसे अन्य दलों से अलग करती है.

नरेंद्र मोदी, पीएम

सुरेश कश्यप का कहना था कि 1980 में पार्टी की स्थापना के बाद 1984 के आम चुनाव में हिमाचल से भाजपा ने एक भी सीट नहीं जीती. सभी चारों सीटों पर पार्टी को हार मिली, लेकिन अब तीन लोकसभा सीटों पर भाजपा के सांसद हैं और राज्यसभा की तीनों सीटें भी भाजपा के पास हैं.

ये भी पढ़ें: हिमाचल के हर घर में दस्तक देगी भाजपा, पार्टी में बदलाव नहीं- मिशन रिपीट ही लक्ष्य: सुरेश कश्यप

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के अनुसार भाजपा में कार्यकर्ता की प्रतिभा, मेहनत और पार्टी के प्रति समर्पण की कीमत है. चार दशक से अधिक के सफर में पार्टी ने कई मुकाम देखें हैं. जयराम ठाकुर खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रहे हैं. पूर्व सीएम प्रेम कुमार धूमल कहते हैं कि भाजपा में साल भर संगठन के स्तर पर कार्यकर्ता सक्रिय रहते हैं. बूथ स्तर से लेकर मंडल स्तर तक गतिविधियां चलती रहती हैं. त्रिदेव सम्मेलन और पन्ना प्रमुख सम्मेलन जैसे अहम और नवीन काम भाजपा की पहचान है. पार्टी ने सत्ता की बजाय सेवा को ध्येय बनाया है.

वरिष्ठ मीडिया कर्मी राजेश मंढोत्रा का कहना है कि हिमाचल सहित देश भर में भाजपा के पास कार्यकर्ताओं का मजबूत कैडर है. इस जमाने की भाजपा नवीन प्रयोग करने में यकीन रखती है. भाजपा की खासियत ये है कि संगठन के तौर पर वो 24 इनटू 7 सक्रिय रहती है. भाजपा ने समय के अनुरूप खुद को ढाल लिया है. इस समय हिमाचल में भाजपा मजबूत है और यही कारण है कि वो मिशन रिपीट का दावा कर रही है. वैसे तो हिमाचल का मतदाता सरकार बदलने में यकीन रखता है, लेकिन विपक्ष यदि जोरदार तरीके से सरकार को न घेर पाए तो समय के इस दौर में भाजपा मिशन रिपीट भी कर सकती है.

राजेश का मानना है कि हिमाचल में सियासत को देखें तो यहां कांग्रेस और भाजपा के बीच ही मुकाबला होता आया है. दोनों दल बारी-बारी से सत्ता में आते रहे हैं. चार दशक में हिमाचल में कोई दल सत्ता रिपीट नहीं कर पाया है. तीसरा विकल्प हिमाचल में समय-समय पर दस्तक देता है, लेकिन कोई बड़ी भूमिक नहीं निभा पाया है. इस बार प्रदेश में आम आदमी पार्टी भाजपा व कांग्रेस को चुनौती दे रही है. राजेश मंढोत्रा का कहना है कि अपने स्थापना दिवस पर पार्टी मिशन रिपीट के लिए किस तरह कमर कसती है, ये देखना दिलचस्प होगा. यदि यूपी व उत्तराखंड की तरह हिमाचल में भी भाजपा का मिशन रिपीट कामयाब होता है तो भाजपा के लिए सियासी तौर पर ये स्वर्णकाल होगा.

सीएम जयराम ठाकुर और केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर

ये भी पढ़ें: BJP Foundation Day: 15 दिन तक होंगे कार्यक्रम, समाज के हर वर्ग तक पहुंचने की रणनीति

Last Updated : Apr 6, 2022, 9:50 AM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details