शिमला:अपनी सियासी यात्रा के चार दशक से अधिक के सफर में भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है. हिमाचल और भाजपा के रिश्ते में एक नहीं बल्कि अनेक भावनात्मक कड़ियां हैं. भाजपा के सबसे बड़े नेता भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी (Bharat Ratna Atal Bihari Vajpayee) से लेकर मौजूदा समय में पार्टी के पर्याय बन चुके नरेंद्र मोदी का हिमाचल से खास लगाव है. फिर महत्वपूर्ण बात ये है कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी की कमान देवभूमि के नेता जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) के हाथ में है. हिमाचल और भाजपा का (Himachal pradesh bjp) एक और दिलचस्प रिश्ता है. पार्टी को देश की सत्ता के शीर्ष पर ले जाने में राम मंदिर आंदोलन की भूमिका से कैसे इनकार किया जा सकता है. राम मंदिर आंदोलन का प्रस्ताव भी हिमाचल प्रदेश के पालमपुर (Ram temple movement proposal in Himachal) में ही पेश किया गया था. भाजपा के स्थापना दिवस पर हिमाचल और पार्टी के स्थानीय और राष्ट्रीय संदर्भों को साथ लेकर इसकी दशा और दिशा पर बात करना प्रासंगिक रहेगा.
वैसे तो भाजपा की स्थापना (BJP Establishment Day) 6 अप्रैल 1980 को हुई थी, लेकिन इस पार्टी के उदय के बीज एमरजेंसी के समय ही देश की सियासी जमीन पर पड़ चुके थे. जयप्रकाश नारायण (Jai Prakash Narayan) के समग्र क्रांति आंदोलन ने हिमाचल में भी तूफान उठाया था. एमरजेंसी के दौरान हिमाचल में लोक संघर्ष समिति के बैनर तले आंदोलन हुए और शांता कुमार, राधारमण शास्त्री सरीखे शीर्ष नेता जेल में डाल दिए गए. बाद में 1977 में हिमाचल में भी जनता पार्टी की सरकार बनी और शांता कुमार ने मुख्यमंत्री (former himachal cm shanta kumar) का पद संभाला. खैर, वर्ष 1980 में छह अप्रैल को भाजपा की स्थापना हुई. संघर्ष के लंबे दौर के बाद अब राजनीतिक तौर पर भाजपा का स्वर्ण काल है. चार दशक के इस सफर में हिमाचल और भाजपा के रिश्ते निरंतर प्रगाढ़ हुए हैं. पार्टी के शिखर पुरुष अटल बिहारी वाजपेयी हिमाचल को अपना दूसरा घर कहते थे. उन्होंने कुल्लू के प्रीणी में आशियाना बनाया. इस समय पार्टी के ब्रांड नरेंद्र मोदी हिमाचल भाजपा के प्रभारी रहे. उनके प्रभारी रहते 1998 में हिमाचल में भाजपा सत्ता में आई और पहली बार पांच साल का कार्यकाल पूरा किया.
सबसे पहले पहाड़ी राज्य हिमाचल की धरती पर भाजपा रूपी सियासी पौधे के पेड़ होने तक के सफर पर बात करते हैं. इस समय छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की चार में से तीन लोकसभा सीट पर भाजपा के सांसद हैं. यहां से राज्यसभा की तीनों सीटें भी भाजपा के पास हैं. प्रदेश में जयराम ठाकुर के नेतृत्व में पार्टी की पूर्ण बहुमत की सरकार है और चार दशक में हिमाचल में इस समय भाजपा मिशन रिपीट के सफल होने का दावा कर रही है. पार्टी के पास प्रदेश स्तर पर इस समय 7792 बूथ का प्रभावशाली नेटवर्क है और इसकी सदस्य संख्या छह लाख से अधिक है. वैसे पार्टी कार्यकर्ताओं के लिहाज से भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, परंतु सफलता की इस इमारत का नींव पत्थर रखने वालों ने जटिल और कठिन संघर्ष का समय भी देखा है.
हिमाचल में शांता कुमार भाजपा के सबसे पहले पार्टी अध्यक्ष भी थे और पहले मुख्यमंत्री भी. आपातकाल के दौरान के उनके साथी राधारमण शास्त्री पार्टी के पहले महासचिव (himachal bjp first general secretary radharaman shastri) थे. वे वर्ष 1980 से 1990 तक महासचिव रहे. ईटीवी से उस दौर के अनुभव साझा करते हुए राधारमण शास्त्री ने कहा कि तब पार्टी के पास केवल एक वाहन होता था और उसका प्रयोग पार्टी के तत्कालीन मुखिया शांता कुमार करते थे. भाजपा के काम करने वाले अन्य पदाधिकारी बसों में सफर करते थे. वो समय आर्थिक तंगी का था. पार्टी के निष्ठावान कार्यकर्ता और पदाधिकारी पैदल यात्रा कर गांव-गांव तक जाते थे.
राधारमण शास्त्री उस दौर के संघर्ष को याद करते हुए कहते हैं कि तब अभाव का दौर था. यहां बता दें कि शास्त्री जनता पार्टी की 1977 की सरकार के समय हिमाचल में पर्यटन निगम के अध्यक्ष थे. बाद में 1990 में राधारमण शास्त्री हिमाचल में भाजपा की पहली सरकार में शिक्षा मंत्री भी रहे. उससे पहले वे विधानसभा अध्यक्ष भी रहे. पार्टी में उस समय किशोरी लाल भी मुख्य चेहरा थे. बाद में नगीनचंद्र पाल का नाम जुड़ा और अब ये विस्तार राष्ट्रीय स्तर पर हो गया है. हिमाचल ने भाजपा को राष्ट्रीय स्तर पर कई बड़े चेहरे दिए हैं. शांता कुमार, प्रेम कुमार धूमल से लेकर ये सूची अब जेपी नड्डा व अनुराग ठाकुर तक जाती है. हिमाचल में शांता कुमार व प्रेम कुमार धूमल दो-दो बार सीएम बने हैं. अब जयराम ठाकुर चार साल से अधिक समय से मुख्यमंत्री का पदभार संभाल रहे हैं. शांता कुमार एक बार जनता पार्टी तो दूसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार में सीएम बने. शांता कुमार केंद्रीय मंत्री रहे हैं. इसी तरह जेपी नड्डा भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री थे और अब पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं. अनुराग सिंह ठाकुर केंद्र में प्रभावशाली मंत्री हैं.
हिमाचल भाजपा वर्तमान में छह लाख से अधिक सदस्यों वाली मजबूत पार्टी है. पार्टी का विस्तार बूथ स्तर तक है. पार्टी के कुल बूथ 7792 हैं. हर तीन साल में सदस्यता अभियान चलाया जाता है. इस साल भी सदस्यता अभियान शुरू होना है. यदि सत्ता की बात की जाए तो प्रेम कुमार धूमल के नेतृत्व में पहली बार पार्टी ने 1998 में अपने बूते पांच साल सरकार चलाई. फिर 2007 से 2012 में भी धूमल के नेतृत्व में पांच साल सरकार चली. वर्ष 2017 में जयराम ठाकुर मुख्यमंत्री बने और अब पार्टी मिशन रिपीट का दावा कर रही है.