शिमलाः मन जब भी कॉफी पीने का करता है, तो पैर खुद ब खुद इंडियन कॉफी हाउस की ओर मुड़ जाते हैं. साल 1957 में बना शिमला का मशहूर इंडियन कॉफी हाउस देशभर में कॉफी के अनूठे स्वाद के लिए जाना जाता है. शिमला में इसे राजनीतिक चर्चाओं के अड्डे के तौर पर भी जाना जाता है.
दिनभर कॉफी की चुस्कियों के साथ यहां कई बार सरकारें बनती हैं और कई बार सरकार गिरती हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 1990 के दशक में जब हिमाचल भाजपा के प्रभारी हुआ करते थे, तो रोजाना यहां कॉफी की चुस्की के साथ संगठन को मजबूत करने का काम करते थे.
27 अप्रैल 2017 को जब पीएम नरेंद्र मोदी एक रैली को संबोधित करने रिज पहुंचे, तो उन्होंने इंडियन कॉफी हाउस में पत्रकारों के साथ यादों को भी साझा किया. इसके बाद दिसंबर 2017 में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना काफिला रूकवाकर यहां कॉफी का लुत्फ उठाया.
इंडियन कॉफी हाउस के मैनेजर आत्माराम बताते हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी किसी आम ग्राहक की तरह रोजाना यहां आते थे, लेकिन शायद तब किसी ने सोचा भी नहीं था कि नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे. उन्होंने कहा कि यह इंडियन कॉफी हाउस के लिए गर्व और प्रसन्नता का विषय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल में आज भी यहां की यादें हैं.