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हिमाचली उत्पादों को दुनिया भर में पहुंचाएगी प्रदेश सरकार: संजीव कटवाल

हिमाचल प्रदेश हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कहा कि फ्लिपकार्ट के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हो गई है, अब हिमाचल का हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम विदेशों तक पहुंचेगा. संजीव कटवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम कॉर्पोरेशन पुरानी वस्तुओं का संरक्षण भी कर रहा है इसे आगे बढ़ाने का काम भी कर रहा है, ताकि लोग अपनी संस्कृति को बचा सकें और अपने रोजगार के साधनों के माध्यम से आय भी अर्जित कर सकें.

special conversation of etv bharat with Vice President of HP Handicrafts and Handloom Corporation
संजीव कटवाल

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Published : Sep 9, 2021, 7:36 PM IST

शिमला:हिमाचल के जिस चंबा थाल, टोपी और शॉल से सम्मानित हुए भारत के ओलंपिक विजेता उन्हें हिमाचल सरकार दुनिया भर में पहुंचाएगी. हिमाचल प्रदेश हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम कॉर्पोरेशन के उपाध्यक्ष संजीव कटवाल ने कहा कि फ्लिपकार्ट के जरिए ऑनलाइन ट्रेडिंग शुरू हो गई है, अब हिमाचल का हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम विदेशों तक पहुंचेगा.

संजीव कटवाल ने कहा कि हिमाचल प्रदेश हैंडीक्राफ्ट और हैंडलूम कॉर्पोरेशन पुरानी वस्तुओं का संरक्षण भी कर रहा है इसे आगे बढ़ाने का काम भी कर रहा है, ताकि लोग अपनी संस्कृति को बचा सकें और अपने रोजगार के साधनों के माध्यम से आय भी अर्जित कर सकें.

उन्होंने कहा कि हिमाचल के प्रत्येक जिला की अपनी विशेषता है. प्रत्येक क्षेत्र की अपने अलग-अलग वस्तुएं हैं फिर चाहे चंबा की चप्पल हो या चंबा रूमाल, चंबा का थाल भी विश्वभर में प्रसिद्ध है हाल ही दिनों में अनुराग ठाकुर ने भी ओलंपिक पदक विजेताओं को चंबा थाल, हिमाचल टोपी और रुमाल देकर सम्मानित किया था. इसी तरह निचले हिमाचल में अधिकतर स्थानों पर बांस का सामान बनाया जाता है. किन्नौर और कुल्लू के अनेक क्षेत्रों में लकड़ी की निकासी की जाती है.

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प्रदेश की पारंपरिक धरोहर कला को बचाए रखने के लिए कॉर्पोरेशन नियमित प्रयास कर रही है. इसके लिए प्रशिक्षण शिविरों का आयोजन किया जा रहा है. पिछले साढ़े तीन सालों में करीब चार हजार लोगों को प्रशिक्षण दिया जा चुका है. प्रशिक्षण के माध्यम से स्वरोजगार उत्पन्न करने के प्रयास किए जा रहे हैं. यह ट्रेनिंग ग्रामीणों को उनकी सहूलियत के हिसाब से दी जाती है, ताकि उनका मुख्य व्यवसाय भी चला रहे और अतिरिक्त आय का एक अन्य साधन भी शुरू हो सके.

संजीव कटवाल ने कहा कि हथकरघा उद्योग क्षेत्र ग्रामीण आबादी को आजीविका के अवसर प्रदान करने और गरीबी उन्मूलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है. प्रदेश में 89 फीसदी बुनकर इस क्षेत्र में अंशकालिक रूप में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में हथकरघा क्षेत्र में लगे 13572 परिवारों में से 13260 हथकरघा ग्रामीण क्षेत्र से हैं जिनमें अधिकांश कारीगर महिलाएं हैं.

उन्होंने बताया कि गत तीन वर्षों में नाबार्ड ने देश में लगभग पांच हजार कारीगरों को शामिल करते हुए 40 ऑफ फार्म उत्पादक संगठनों को बढ़ावा देने के लिए सहायता प्रदान की है. हिमाचल प्रदेश में नाबार्ड लगभग 1300 कारीगरों को शामिल करते हुए मंडी और किन्नौर जिलों में हथकरघा गतिविधियों में दो ऑफ फार्म उत्पादक संगठनों को गठित करने की प्रक्रिया में है. उन्होंने कहा कि देश में 102 लाख स्वयं सहायता समूह का गठन कर ग्रामीण क्षेत्रों में समग्र विकास में नाबार्ड द्वारा योगदान प्रदान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हिमाचल में भी लगभग 60 हजार समूह का गठन किया गया है.

संजीव कटवाल ने कहा कि जयराम सरकार ने इसके लिए हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट और बैंबू प्रोडक्टस सहित अनेकों प्रोडक्टस के लिए करोड़ों रुपये की योजनाएं शुरू की हैं. कटवाल ने कहा कि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए फ्लिपकार्ट से एमओयू साईन किया गया है ताकि प्रोडक्ट्स की मार्केटिंग की समस्या का समाधान हो सके और प्रोडक्ट की बिक्री की सुविधा के साथ-साथ उत्पादों को अच्छा प्लेटफार्म भी मिल सके. इसलिए लोगों को सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने के लिए आगे आना चाहिए.

उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी पूरे प्रयास:संजीव कटवाल ने कहा कि इन प्रशिक्षण केंद्रों में लोगों को विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण, दक्ष ट्रेनर्स की ओर से दिया जा रहा है. ट्रेनिंग के दौरान ट्रेनी को 300 रुपये और ट्रेनर को एक हजार रुपये रोजाना दिया जा रहा है.

कटवाल ने कहा कि हैंडलूम के क्षेत्र में हिमाचल की अपनी अलग से पहचान है. कुल्लू का घाघरा 20 लाख रुपये तक बिक रहा है. उन्होंने कहा कि उत्पादों की मार्केटिंग के लिए भी पूरे प्रयास किए जा रहे है ताकि उत्पादों को किसी प्रकार की समस्या न आए तथा अधिक अच्छे दाम भी अच्छे मिल सके.

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