शिमला: वैश्विक कोरोना महामारी के दौर में प्रदेश सरकार की सामाजिक सुरक्षा योजनाएं साधनहीन लोगों के लिए बड़े सहारे के तौर पर सामने आई हैं. किसानों के लिए प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत नकद आर्थिक मदद हो या फिर सामाजिक सुरक्षा पेंशन या गृहिणी सुविधा योजना हो.
इन सभी योजनाओं ने जनता को कोरोना संकट के दौरान जारी कर्फ्यू में राहत दी है. हिमाचल प्रदेश की बात की जाए तो यहां वृद्धावस्था पेंशन, विधवा पेंशन की राशि ने संबल प्रदान किया है. किसानों के बैंक खाते में भी निश्चित रकम आने से उन्हें आर्थिक राहत मिली है.
PM किसान सम्मान निधि योजना से 8.74 लाख किसानों को लाभ
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत लॉकडाउन के दौरान देश के करोड़ों किसानों को सहायता राशी के रूप में मिले हैं. हिमाचल में इस योजना का लाभ 8.74 लाख किसानों को पहुंचा है. इस योजना के तहत सरकार किसानों के बैंक खातों में हर साल 6000 रुपये जमा करती है. यह राशि तीन बराबर किस्तों में किसानों के खाते में डाली जाती है.
2.76 लाख परिवारों को गृहिणी सुविधा योजना का लाभ
हिमाचल में गृहिणी सुविधा योजना के तहत 2.76 लाख परिवारों को निशुल्कल सिलेंडर और गैस कनेक्शन उपलब्ध करवाए गए. यही नहीं प्रदेश में 1.36 लाख परिवारों को उज्ज्वला योजना में नि:शुल्क गैस कनेक्शन दिए गए हैं.
अन्य कल्याणकारी योजनाओं से प्रदेश के लोगों को लाभ
प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 1,11,863 गरीब लोगों के खातों में 500-500 रुपये की दो किश्तें जमा की गई हैं. सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना से भी 5.69 लाख लोगों को लाभ मिला है. इन पेंशनर्स को तीन महीने की बढ़ी हुई सामाजिक सुरक्षा पेंशन एडवांस में दी गई. कुल 5.69 लाख पात्र लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन के तहत 217.86 करोड़ रुपये का अग्रिम भुगतान किया गया. वहीं, जनजातीय क्षेत्रों के लाभार्थियों को यह पेंशन छह माह के लिए और गैर-जनजातीय क्षेत्रों के लाभार्थियों को तीन माह के लिए अग्रिम तौर पर दी गई है.
डाक विभाग ने घर-घर बांटी पेंशन
लॉकडाउन के कारण लाभार्थियों की पेंशन अदायगी का कार्य बड़ा चुनौतीपूर्ण था. इस चुनौतीपूर्ण काम को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग और भारतीय डाक सेवा विभाग के कर्मियों ने बड़े प्रभावशाली ढंग से निभाया है. कोरोना काल में जब साधनों के अभाव से जूझ रही जनता रोजी-रोटी की चिंता में थी तो सामाजिक सुरक्षा पेंशन उनका सहारा बनी.
बुजुर्गों के लिए सहारा बनी सामाजिक सुरक्षा पेंशन
हिमाचल में डाक विभाग ने मोर्चा संभाला और जनता को घर-द्वार पर पेंशन बांटी. उदाहरण के लिए, कांगड़ा जिला जयसिंहपुर क्षेत्र के गांव गूहन की 90 साल की बुजुर्ग महिला शैंकरू देवी की खुशी का उस समय कोई ठिकाना न रहा, जब लॉकडाउन के दौरान डाक विभाग का कर्मचारी पैदल चलकर उनकी तीन माह की 4500 रुपये की पेंशन लेकर घर पहुंचा.
शैंकरू देवी के लिए इस बुढ़ापे में सामाजिक सुरक्षा पेंशन मुख्य सहारा है. इसी पेंशन से बुजुर्ग महिला की दवाइयां और दाल-रोटी का खर्च चलता है. प्रदेश में ऐसे करीब 3.85 लाख वृद्धजन हैं, जिन्हें करीब 154.24 करोड़ रुपये की पेंशन सुविधा प्रदान की गई.
इसके अलावा, करीब 1.20 लाख विधवाओं को भी 40.21 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्रदान की गई. वहीं, 63,495 दिव्यांगजनों को 23 करोड़ रुपये की सामाजिक सुरक्षा पेंशन जारी की गई. इस समय प्रदेश में सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों के डाकघरों में 4 लाख 75 हजार 290 सेविंग अकाउंट हैं. वहीं, 93,768 लाभार्थियों के बैंकों में अकाउंट है.
जनजातीय क्षेत्रों में पेंशन की 6 महीनों की किश्त जारी
प्रदेश के पांगी, भरमौर, लाहौल-स्पीति और किन्नौर जिला के जनजातीय क्षेत्रों में 14,379 सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों को आगामी छह माह की पेंशन प्रदान की गई है. इस पर करीब10 करोड़ 39 लाख रुपये खर्च हुए हैं. लॉकडाउन के दौरान प्रदेश सरकार ने न केवल सामाजिक सुरक्षा पेंशन का समय पर वितरण सुनिश्चित बनाया. वहीं, 43026 पेंशन के नए मामले भी स्वीकृत किए हैं.
यही नहीं, विधवाओं और दिव्यांगजनों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन को इस साल अप्रैल 2020 से 850 रुपये प्रतिमाह से बढ़ाकर 1000 रुपये कर दिया गया है. कोविड-19 के संकट को देखते हुए, केन्द्र सरकार ने प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत प्रदेश के 1,11,863 राष्ट्रीय सामाजिक सुरक्षा लाभार्थियों को 500 रुपये प्रति लाभार्थी प्रदान किए गए हैं. इसके लिए प्रदेश को पांच करोड़ 59 लाख 33 हजार रुपये स्वीकृत हुए हैं. इन लाभार्थियों को जल्द ही अतिरिक्त 500 रुपये प्रति लाभार्थी जारी किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें :परवाणू में दिल्ली के वकील पर FIR, पुलिस को गुमराह कर पहुंचा कोर्ट