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जोरों पर श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां, कोरोना प्रोटोकॉल के साथ मनाया जाएगा उत्सव - Shri Krishna Janmashtami celebration

इस बार श्री कृष्ण जन्माष्टमी (Shri Krishna Janmashtami ) पर जयंती योग बन रहा है. यही योग द्वापरयुग में श्रीकृष्ण के जन्मोत्सव के दौरान भी बना था. वहीं, शिमला स्थित सनातन धर्म मंदिर में भी श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां पूरी कर ली गई हैं. हालांकि इस साल कोरोना की वजह से कार्यक्रम को छोटे स्तर पर ही मनाया जाएगा.

Shri Krishna Janmashtami
सनातन धर्म मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारी.

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Published : Aug 29, 2021, 7:29 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के मशहूर सनातन धर्म मंदिर में श्री कृष्ण जन्माष्टमी की तैयारियां जोरों पर चल रही है. यह मंदिर शिमला में भगवान श्री कृष्ण का प्रमुख मंदिर है. यहां हर साल बेहद धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है. कोरोना की वजह से इस साल कार्यक्रम को छोटे स्तर पर ही मनाया जाएगा. बीते साल भी कोरोना की वजह से कार्यक्रम नहीं हो सका था. इस साल कोरोना संक्रमण के मामलों में गिरावट के बीच कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है, लेकिन यह कार्यक्रम छोटे स्तर पर होगा.

सनातन धर्म सभा के प्रधान अजय सूद ने बताया कि शहर भर में सनातन धर्म मंदिर की जन्माष्टमी प्रसिद्ध है. हर साल बेहद धूमधाम से भगवान श्री कृष्ण का जन्मदिन मनाया जाता है, लेकिन इस साल कोरोना की वजह से कार्यक्रम को छोटे स्तर पर ही मनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के दौरान कोरोना से बचाव के नियमों का विशेष तौर पर ध्यान रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि रविवार से ही भगवान श्री कृष्ण के भजन शुरू हो गए हैं. यह भजन कीर्तन 30 अगस्त रात 12 बजे तक चलेगा. उन्होंने सभी प्रदेशवासियों को भगवान श्री कृष्ण श्री कृष्ण जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी हैं.

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श्री सनातन धर्म सभा के पुरोहित पंडित उमेश नौटियाल ने पूजा विधि की जानकारी देते हुए बताया कि जन्माष्टमी उपवास के दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान आदि कार्यों से निवृत होकर भगवान कृष्ण का ध्यान करें. भगवान के ध्यान के बाद उनके व्रत का संकल्प लें और पूजा की तैयारी करें. इसके बाद भगवान कृष्ण को माखन-मिश्री, पाग, नारियल की बनी मिठाई का भोग लगाएं. फिर हाथ में जल, फूल, गंध, फल, कुश हाथ में लेकर रात 12 बजे भगवान का जन्म होगा, इसके बाद उनका पंचामृत से अभिषेक करें. उनको नए कपड़े पहनाएं और उनका शृंगार करें. भगवान का चंदन से करें और उनका भोग लगाएं. उनके भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालना चाहिए. इसके बाद भगवान श्रीकृष्ण की घी के दीपक और धूपबत्ती से आरती उतारें.ये भी पढ़ें:इस जन्माष्टमी बन रहा दुर्लभ संयोग, ब्रह्म मुहूर्त में इस तरह करें भगवान श्री कृष्ण की पूजा

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