शिमला:राजधानी शिमला में पानी का संकट गहराता जा रहा है. कई क्षेत्रों में 4 से 5 दिन बाद पानी आ रहा है. जल निगम द्वारा पानी की राशनिंग शुरू कर दी है. वहीं, अब पानी पर सियासत भी शुरू हो गई है. विपक्षी दल कांग्रेस भाजपा शासित नगर निगम और सरकार पर हमलावर हो गई है और पानी मुहैया करवाने में नाकाम रहने के आरोप लगा रही है. साथ ही जल निगम कार्यालय का घेराव करने और सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन की चेतावनी भी दे दी है.
Water Problem in Shimla: 2 दिन में नहीं सुधरी पानी की व्यवस्था तो करेंगे उग्र आंदोलन: जितेंद्र चौधरी - शिमला में पानी का संकट
राजधानी शिमला में पानी का संकट गहराता जा रहा है. शिमला शहरी कांग्रेस (Shimla Urban Congress) के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में शिमला शहर को 24 घंटे का पानी देने का वादा किया था. अब भाजपा सरकार के 5 साल पूरे होने जा रहे हैं. लोगों को 24 घंटे तो दूर 4 से 5 दिन बाद पानी दिया जा रहा है. सरकार ने पानी के लिए जल निगम बोर्ड बना दिया है, जोकि पानी का वितरण करता है, लेकिन पानी मुहैया करवाने में जल निगम पूरी तरह से नाकाम हो गया है.
शिमला शहरी कांग्रेस (Shimla Urban Congress) के अध्यक्ष जितेंद्र चौधरी ने कहा कि भाजपा ने अपने मेनिफेस्टो में शिमला शहर को 24 घंटे का पानी देने का वादा किया था. अब भाजपा सरकार के 5 साल पूरे होने जा रहे हैं. लोगों को 24 घंटे तो दूर 4 से 5 दिन बाद पानी दिया जा रहा है. सरकार ने पानी के लिए जल निगम बोर्ड बना दिया है, जोकि पानी का वितरण करता है, लेकिन पानी मुहैया करवाने में जल निगम पूरी तरह से नाकाम हो गया है.
जितेंद्र चौधरी ने कहा कि शहर में लोग पानी के लिए (Water Problem in Shimla) तरस रहे. कई क्षेत्र ऐसे हैं जहां 6 दिन बाद पानी मिल रहा है. उन्होंने कहा कि पानी की किल्लत को लेकर कांग्रेस ने कई बार नगर निगम कार्यालय में धरना प्रदर्शन किया और पानी मुहैया करवाने का आश्वासन दिया गया था, लेकिन अभी भी पानी की समस्या का समाधान नहीं हो पाया है. ऐसे में (water crisis in shimla) अब कांग्रेस जल निगम कार्यालय में खाली बाल्टियों के साथ प्रदर्शन करेगी. बता दें कि शिमला जिले के लिए पानी की सप्लाई करने वाली पेयजल परियोजना स्त्रोत सूखने लगे हैं. जिससे शिमला में दस एमएलडी पानी कम आ रहा है और शहर में जल निगम द्वारा तीन से चार दिन बाद पानी की सप्लाई दी जा रही है.