शिमलाः रोजगार न मिलने से खफा डेंटल डॉक्टरों ने 5 नवंबर से आंदोलन करने की चेतावनी दी है. उनका आरोप है कि सरकार की कोई रोजगार नीति न होने के कारण बेरोजगारों की संख्या लगातार बढ़ रही है. डॉक्टरों ने कहा कि पांच साल की डिग्री लेने के लिए डॉक्टरों ने लाखों रुपये खर्च किए हैं. इसके बावजूद भी डेंटल डॉक्टर बेरोजगार घूम रहे हैं.
वीरवार को शिमला में प्रेस कॉन्फ्रेंस में डाक्टर अनिल आजटा ने कहा कि प्रदेश में 2600 से ज्यादा डेंटल डॉक्टर बेरोजगार घूम रहे हैं. सरकार ने यदि एक महीने के अंदर नियमित पद के लिए कमीशन न निकाला तो डॉक्टर आंदोलन की राह अपनाएंगे. उन्होंने कहा कि 5 नवंबर से आईजीएमसी डेंटल कालेज के बाहर प्रदर्शन करेंगे.
डॉक्टर अनिल आजटा ने कहा कि प्रदेश भर में लोगों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ हो रहा है. सैकडों बिना डिग्री के झोलाछाप डॉक्टर जगह-जगह बैठे हैं, लेकिन सरकार उन पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाती.उन्होंने कहा कि मरीज गंभीर बीमारियों का शिकार हो रहे हैं.
डेंटल कालेजों में नहीं भर रही सीटें
डॉक्टर अनिल आजटा ने कहा कि आईजीमसी सहित प्रदेश के निजी डेंटल कालेजों में युवाओं का क्रेज घटता जा रहा है. इस कारण कालेजों में सीटस नहीं भर पा रही है. एक ओर जहां सरकार सीटस की संख्या में बढ़ोतरी कर रही है. वहीं, सीटस का न भर पाना दंत चिकित्सा के व्यवसाय पर प्रश्न चिन्ह लगा रहा है.
डॉक्टर अनिल ने कहा कि आईजीएमसी के दंत महाविद्यालय से 700 के करीब पास आउट डॉक्टर बेरोजगार है. 2016 के पद एक भी पोस्ट डेंटल डॉक्टर की नहीं भरी गई है. प्रदेश भर में 2600 से अधिक डेंटल डॉक्टर बेरोजगार है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 400 के करीब पीएचसी और सीएचसी है. इन यदि डेंटल डॉक्टरों के पदों को भरा जाए तो जहां बेरोजगार डॉक्टरों को रोजगार मिलेगा. वहीं, झोलाछाप डॉक्टरों की मनमानी से भी लोगों को राहत मिलेगी.
शिकायत के बाद भी नहीं की कारवाई
अनिल राजटा ने कहा कि उन्होंने सीएमओ, स्वास्थ्य निदेशक को भी जिला में चल रहे झोलाछाप डॉक्टरों के कारोबार की शिकायत की है, लेकिन शिकायत करने के बाद भी इन पर कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है.
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