शिमलाः किसान देश की रीढ़ है जो खेतों में खप कर अनाज उत्पादित करता है. समय के साथ किसानों को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसमें कुछ किसान चुनौतियों से बखूबी निपटते हैं और अपने उत्पाद के साथ ही अपनी कामाई को भी बढ़ा लेते हैं. राजधानी शिमला की तहसील सुन्नी के ठेला गांव का समृद्ध किसान भोपाल सिंह अपने खेती के कार्यों से क्षेत्र में मिसाल कायम कर रहे हैं.
कोरोना संकट काल में भी इन्होंने कृषि विविधता प्रबंधन के तहत खेती कर अच्छी कमाई की. अपने काम के लिए भोपाल सिंह को विभिन्न विभागों की ओर से पुरस्कृत भी किया गया है. किसान भोपाल सिंह का कहना है कि पहले पुराने तरीके से 10 बीघा जमीन पर खेती किया करते थे. इससे किसी तरह घर का गुजारा ही होता था.
फिर साल 2016 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सिंचाई योजना के बारे में उन्हें जानकारी मिली. इस योजना से उन्हें नई दिशा मिली जिस पर चल कर उन्हें लाभ मिला. भोपाल सिंह ने बताया कि विभाग के अधिकारी डॉ. प्रदीप कुमार हिमराल ने इसमें उनका मार्गदर्शन किया.
खेतों में छोटी स्प्रिंकलर प्रणाली की स्थापित
किसान भोपाल सिंह ने प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत छोटी स्प्रिंकलर प्रणाली खेतों में स्थापित की जो 1 लाख 24 हजार 618 रुपये की लागत की थी. इसमें से 99 हजार 693 रुपये सरकार द्वारा उपदान के रूप में प्रदान किए गए.
बचत के समय को पशुपालन में लगाया
किसान ने बताया कि पहले 10 बीघा खेतों को सींचने में पांच से छह दिन का समय लगता था. अब छह बीघा खेत को सींचने मे चार घंटे का ही समया लगता है. इससे पानी और समय दोनों की बचत हुई. उन्होंने इस बचत के समय को पशुपालन में लगाया.