शिमला: देशभर में धूम-धाम के साथ बीते 9 दिनों से माता भगवती के विभिन्न रूपों की पूजा की गई. वहीं दशहरे के दिन प्रदेश की राजधानी शिमला के प्रसिद्ध कालीबाड़ी मंदिर में स्थापित माता दुर्गा की मूर्तियों को भव्य तरीके से विदाई दी गई. मंदिर परिसर में महिलाओं ने माता को सिंदूर लगाकर पूजा अर्चना की. जिसके बाद ढोल नगाड़ों की थाप पर महिलाओं ने मां दुर्गा के साथ सिंदूर की होली खेली और एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सुख-समृद्धि व सुहाग की सलामती की मां से प्रार्थना की.
शिमला में जयकारों के बीच माता दुर्गा का विसर्जन, श्रद्धालुओं ने सिंदूर होली खेलकर माता को दी विदाई.
शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में स्थापित माता दुर्गा को भव्य तरिके से विदाई दी गई. भारी संख्या में श्रद्धालुओं ने माता की विदाई से पहले सिंदूर होली खेल कर माता के जयकारों के साथ ढोल नगाड़ों की थाप पर नृत्य किया.
इस अवसर पर महिलाओं ने नाच गाने के साथ माता की विदाई कर सुख समृद्धि कामना की. वहीं, महिलाओं ने बताया कि विजय दशमी पर मां दुर्गा के साथ सिंदूर होली खेलने से सुहागिनों पर मां की अनुकंपा बनी रहती है .
राजधानी शिमला के कालीबाड़ी मंदिर में बीते 50 वर्षों से इस परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. दशहरा के दिन यहां भारी संख्या में श्रद्धालु माता की विदाई से पहले सिंदूर होली खेलते हैं. बता दें कि माता दुर्गा की पूजा अर्चना करने के बाद मंगलवार को विजय दशमी के दिन जयकारों के बीच मां दुर्गा की विशाल प्रतिमा को विदाई दी गई. शिमला में मां की प्रतिमा को विसर्जन के लिए तारादेवी स्थित आईटीबीपी कैंप ले जाया गया और यहां बने तालाब में विसर्जन की रस्म को निभाया गया.