शिमला: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) के ड्रीम प्रोजेक्ट(dream project) स्मार्ट सिटी मिशन (smart city mission) को लेकर शिमला (Shimla) कछुआ चाल से रेंग रहा है. ब्रिटिश कालीन समर कैपिटल (British carpet summer capital) शिमला को नए रंग रूप में ढालने के लिए करीब 2900 करोड़ रुपए का स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट है. हालत यह है कि लंबे समय से चल रहे काम का अभी कुछ ही हिस्सा हो पाया. पांच साल में केंद्र की तरफ से जारी फंड का केवल 7 फीसदी ही प्रयोग हो पाया. अब हालत यह है कि न तो स्मार्ट सिटी के तहत होने वाले कार्य अंजाम पर पहुंच रहे हैं और न ही क्लीन शिमला अभियान (Clean Shimla Campaign) सफल हो रहा. स्वच्छता सर्वेक्षण की मौजूदा रैंकिंग ने शिमला को आइना दिखा दिया. शिमला शहर 65 नंबर से खिसक कर 102 पर पहुंच गया. यह हालत तब है जब शिमला शहर के विधायक जयराम सरकार (Jairam Government) में कैबिनेट मंत्री भी हैं.
स्मार्ट सिटी के अधूरे कामों का असर पर्यटन सीजन (tourist season) पर भी पड़ रहा है. उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत हिमाचल में शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी (Dharamshala Smart City) की सूची में हैं. शिमला में इस मिशन के तहत कई काम किए जाने हैं. इनमें सड़कों को चौड़ा करना और शहर का सौंदर्यीकरण शामिल है. शिमला इस समय दो मोर्चों पर जूझ रहा है. स्मार्ट सिटी के काम के साथ क्लीन शिमला अभियान भी चल रहा, लेकिन इन दोनों मोर्चों पर शिमला पिछड़ रहा. सफाई के लिए नगर निगम के पास 11 सौ कर्मी और करोड़ों रुपए की मशीनें भी नगर निगम ने खरीदी, लेकिन वो केवल शो पीस बन कर रह गई. ये मशीनें केवल माल रोड और रिज मैदान (ridge ground)तक ही सफाई करने में सीमित है. यही नहीं शहर में भले ही नगर निगम घरों से रोज कूड़ा एकत्रित कर रहा .बावजूद इसके नालियों और पहाड़ियों पर कूड़ा बिखरा रहता .लोग भी नगर निगम की कार्यप्रणाली से नाखुश है. इसका कारण कोविड के दौरान घरों से कूड़ा न उठना और बिल जारी करने से लोग नगर निगम (Municipal council) से नाराज रहे. यही कारण है कि इस बार स्वच्छता सर्वेक्षण (cleanliness survey) में अपना फीडबैक कम दिया और कई लोगों ने अच्छा फीडबैक (Feedback) भी नहीं दिया.
नगर निगम की महापौर सत्या कौंडल (Municipal Corporation Mayor Satya Kaundal) ने बताया कि इस बार काेविड के कारण टीमाें काे अलग अलग जगह ड्यूटियां लगाई गई थी. जिसके चलते सफाई व्यवस्था में थोड़ी चूक हुई और लोगों का सहयोग भी इस बार नहीं मिल पाया. आने वाले दिनाें में हम सफाई व्यवस्था काे और बेहतर ढंग से करने का प्रयास करेंगे. अगली बार अच्छी रैंक मिले इसका प्रयास करेंगे.