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शिमला में SFI ने किया धरना प्रदर्शन, लोक सेवा आयोग के सचिव को भेजा ज्ञापन

एसएफआई ने राज्य प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित करवाने के लिए मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर फिर से धरना प्रदर्शन किया. एसएफआई राज्य कमेटी ने कहा कि अगर सरकार व आयोग 6 और 7 अगस्त को होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को समय रहते स्थगित नहीं करता है तो आने वाले समय मे इन परीक्षाओं की वजह से यदि कोई छात्र संक्रमित होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व लोक सेवा आयोग की होगी.

SFI protest in shimla
एसएफआई विरोध प्रदर्शन

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Published : Aug 4, 2020, 6:58 PM IST

शिमला: हिमाचल प्रदेश एसएफआई राज्य कमेटी ने प्रतियोगी परीक्षाओं को स्थगित करवाने के लिए मंगलवार को शिमला में हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के कार्यालय के बाहर फिर से धरना प्रदर्शन किया. इसके एसएफआई राज्य कमेटी ने आयोग के सचिव को मांग पत्र भी सौंपा है.

एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अनलॉक-3 को लेकर जारी की गई अधिसूचना में साफ तौर पर कहा है कि 31 अगस्त 2020 तक देश भर में सभी शिक्षण संस्थान बंद रहेंगे और किसी भी तरह की पब्लिक गेदरिंग को अनुमति नहीं दी जाएगी. यदि कोई भी विभाग ऐसी गतिविधि आयोजित करता है तो उसे भारतीय आपदा प्रबंधन कानून 2005 की धारा 51 से लेकर 60 तक कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है.

इसके साथ ही भारतीय दंड सहिंता की धारा 188 के तहत उस पर कार्रवाई की जा सकती है लेकिन हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग केंद्रीय गृह मंत्रालय के आदेशों का उल्लंघन कर इन परीक्षाओं का आयोजन करवा रहा है जिसे शीघ्र प्रभाव से स्थगित किया जाना चाहिए. रमन थारटा ने कहा कि इस महामारी के कारण छात्र पहले ही मानसिक रूप से पीड़ित है. इन प्रतियोगी परीक्षाओं को लेकर चल रही असमंजस ने छात्रों की चिंता को बढ़ा दिया है.

एसएफआई के राज्य अध्यक्ष रमन थारटा ने कहा कि पिछले 1 सप्ताह में पूरे प्रदेश में कोरोना का कहर लगातार बढ़ता जा रहा है. प्रदेश में संक्रमितों का आंकड़ा 2900 के पार पहुंच चुका है जिस कारण कई क्षेत्रों को या तो सील किया गया है या फिर रेड जोन में तब्दील किया गया है. इन क्षेत्रों में आवाजाही भी पूर्ण रूप से बाधित है तो ऐसे में छात्रों का परीक्षा केंद्र तक पहुंचना खतरे से खाली नहीं होगा. दूसरी ओर आयोग के कोरोना संक्रमितों और क्वारंटाइन छात्रों को भी परीक्षाओं में बैठने की अनुमति देने के फैसले ने छात्रों के बीच व्यापक असुरक्षा का वातावरण पैदा कर दिया है.

एसएफआई राज्य कमेटी ने कहा कि अगर सरकार व आयोग 6 और 7 अगस्त को होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं को समय रहते स्थगित नहीं करता है तो आने वाले समय मे इन परीक्षाओं की वजह से यदि कोई छात्र संक्रमित होता है तो उसकी जिम्मेदारी प्रदेश सरकार व लोक सेवा आयोग की होगी. लोक सेवा आयोग के इस फैसले के खिलाफ एसएफआई कानूनी लड़ाई को भी जारी रखेगी जिसके लिए प्रदेश उच्च न्यायालय में जनहित याचिका शीघ्र दायर की जाएगी.

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