शिमला : हिमाचल प्रदेश के कॉलेजों को रूसा का बजट लेने के लिए जहां नैक से एक्रीडिटेशन लेना आवश्यक कर दिया गया है तो वहीं नैक से ए और बी ग्रेड मिलने वाले कॉलेजों को ही रूसा की ग्रांट जारी की जा रही है, लेकिन अब इस दौड़ में प्रदेश के कॉलेज पिछड़ रहे हैं जिससे उन्हें बड़ा नुकसान उठाना पड़ रहा है. बता दें कि प्रदेश के सात कॉलेजों ने अभी हाल ही में नैक से एक्रीडिटेशन की प्रक्रिया को पूरा किया है. लेकिन इन कॉलेजों को नैक से बी ग्रेड से कम ही ग्रेड मिल पाया है. यही वजह है कि अब इन कॉलेजों को 2020 में मिलने वाली रूसा ग्रांट से बाहर कर दिया गया है.
केंद्र सरकार की ओर से रूसा की ग्रांट को लेकर नियम सख्त किए जा रहे हैं. नियमों के तहत यह तय किया गया है, कि कॉलेजों को जहां नैक से एक्रीडिटेशन करवाना जरूरी है. वहीं, इस एक्रीडिटेशन के दौरान ए या बी ग्रेड प्राप्त करने वाले कॉलेजों को ही रूसा का बजट दिया जाएगा. हिमाचल के कॉलेज पहले तो जहां नैक से एक्रीडिटेशन लेने में ही पिछड़ रहे थे तो वहीं अब जब नैक से मान्यता मिल भी रही है तो कॉलेज बेहतर ग्रेट नहीं ले पा रहे हैं. यही वजह है कि इससे नुकसान कॉलेजों को हो रहा है और उन्हें विकासात्मक कार्यों के लिए रूसा की ग्रांट भी नहीं मिल पा रही है.