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ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट का दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह, PM मोदी को बुलाने की तैयारी में हिमाचल सरकार

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Published : Sep 7, 2021, 7:38 PM IST

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के तहत हिमाचल में निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर उतरने के लिए हिमाचल सरकार दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह करेगी. इससे पहले दिसंबर 2019 में पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें 13,656 करोड़ के 240 उद्योगों के लिए निवेश की प्रक्रिया पूरी की गई थी. वहीं, इस समारोह में अब प्रदेश सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रही है.

Second Ground Breaking Ceremony of Global Investors Meet in Himachal
उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर

शिमला: ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के तहत हिमाचल में निवेश के लिए हुए एमओयू को धरातल पर उतरने के लिए हिमाचल सरकार दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह करेगी. इसमें सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को बुलाने की तैयारी कर रही है. इस समारोह में करीब 15,000 करोड़ रुपये का निवेश होगा.

इससे पहले दिसंबर 2019 में पहला ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित किया गया था. जिसमें 13,656 करोड़ के 240 उद्योगों के लिए निवेश की प्रक्रिया पूरी की गई थी. अब बाकी के लिए भी प्रक्रिया पूरी की जाएगी. हिमाचल सरकार ने निवेश के लिए उद्योगों को आमंत्रित करने के लिए ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट देश और विदेश में आयोजित की गई थी. इसके तहत 583 एमओयू साइन किया गए हैं. जिसमें 82,344 करोड़ के करीब निवेश किया जाएगा.

हिमाचल की जयराम सरकार इन एमओयू के तहत होने वाले निवेश के तहत करीब पौने दो लाख लोगों को रोजगार देने की उम्मीद है. इन्वेस्टर्स मीट से पहले जयराम सरकार ने हिमाचल में निवेश के लिए अनुकूल नीतियां भी बनाई हैं.

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ठाकुर ने कहा कि कोरोना महामारी के कारण दूसरा ग्राउंड ब्रेकिंग समारोह आयोजित नहीं किया जा सका. अब इसे करवाने की तैयारी है. अगले एक दो माह में समारोह आयोजित किया जाएगा. राज्य सरकार इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आमंत्रित करेगी.

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निजी कंपनी चंडीगढ़ के साथ लगती हिमाचल की सीमा पर बनाना चाहती है फिल्म सिटी: वहीं, उद्योग मंत्री ने कहा कि हिमाचल में फिल्म सिटी बनाने के लिए भी एक औद्योगिक घराने ने इच्छा जताई है, लेकिन उन्होंने चंडीगढ़ के साथ लगती हिमाचल की सीमा पर फिल्म सिटी बनाने के लिए जमीन मांगी है.

उनकी इस मांग को पूरा करना प्रदेश सरकार के लिए इतना आसान नहीं होगा. यह क्षेत्र पहले से ही औद्योगिक क्षेत्र है और कई उद्योग यहां कार्य कर रहे हैं. इसके अलावा भी यहां जमीन की कुछ दिक्कत हो सकती है. उद्योग मंत्री का कहना है कि फिर भी प्रदेश सरकार लगातार फिल्म सिटी बनाने की इच्छा रखने वाली कंपनी के संपर्क में है और प्रदेश को इस क्षेत्र में आगे ले जाने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे.

पत्रकारों से अनौपचारिक बात करते हुए उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि प्रदेश अन्य पड़ोसी राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तराखंड और दिल्ली से व्यापार में सुगमता में आगे है. राज्य सरकार निवेशकों को किफायती दर पर भूमि, निर्बाध विद्युत आपूर्ति और सुलभ प्रशासन जैसे विशिष्ट लाभ प्रदान कर रही है.

उन्होंने कहा कि कुछ निवेशक प्रदेश में इथेनॉल इकाइयां स्थापित करने में रुचि दिखा रहे हैं. मैसर्ज ट्राइडेंट कंपनी ने टैक्सटाइल पार्क स्थापित करने के लिए 800 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन और मैसर्ज बेटर टूमारो इन्फ्रास्ट्रक्चर एण्ड सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड ने निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 490 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया.

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि मैसर्ज माधव एग्रो ने निजी औद्योगिक पार्क स्थापित करने के लिए 400 करोड़ रुपये और मैसर्ज हिमालयन ग्रुप ऑफ इस्टीट्यूट ने प्रदेश में पहले कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये के समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए.

अपोलो हॉस्पिटल की फ्रेंचाइजी मैसर्ज मेटाफिजिकल हेल्थकेयर प्राइवेट लिमिटेड ने 250 बिस्तरों वाला अस्पताल स्थापित करने के लिए 150 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया. मैसर्ज नचिकेता पेपर लिमिटेड ने क्राफ्ट और डुपलेक्स बोर्ड के निर्माण के लिए 100 करोड़ रुपये का समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किया.

उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह ने कहा कि भारत सरकार के मिश्रित ईंधन और आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए प्रदेश सरकार ने राज्य में इथेनॉल निर्माताओं को आमंत्रित किया है. प्रदेश में इथेनॉल उत्पादन के लिए 1000 करोड़ रुपये की लागत के कुल 6 समझौता ज्ञापन हस्ताक्षरित किए गए हैं.

उद्योग मंत्री ने कहा कि प्राप्त प्रस्तावों का उद्देश्य इथेनॉल, चिकित्सा उपकरण, शिक्षा और कौशल विकास, फार्मास्यूटिकल्स, कागज निर्माण, खाद्य प्रसंस्करण, स्वास्थ्य, ऑटोमोबाईल, इलेक्ट्रोनिक विनिर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहित करना है. उन्होंने कहा कि कुछ उद्यमियों ने प्रदेश में निजी औद्योगिक क्षेत्रों और थीम पार्क विकसित करने में रुचि दिखाई है.

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