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'पशु भी इंसान की तरह दर्द करते हैं महसूस...बस बता नहीं पाते' - एसडीएम कल्पा ने कहा पशुओं को बेसाहरा न छोड़े

एसडीएम कल्पा अवनिन्दर शर्मा ने जिला के सभी लोगों से उनके पशुओं को बेसहारा करने पर नाराजगी जताई है और कहा कि सर्दियों में इन पशुओ को सड़कों पर वाहनों की चपेट के आने से भी दुर्घटना का खतरा बना रहता है जिसमें पशु व वाहन चालक दोनों को नुकसान होता है.

SDM Kalpa appeals to people
SDM Kalpa appeals to people

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Published : Jan 23, 2020, 10:44 AM IST

किन्नौरः जनजातीय जिला किन्नौर में बेसहारा पशुओं की बढ़ती तादाद को देखते हुए एसडीएम कल्पा अवनिन्दर शर्मा ने लोगों से अपील की है कि अपने पशुओं को सर्दियों में बेसहारा न छोड़ें. उन्होंने कहा कि कंपकंपाती ठंड में पशुओं को खाने को चारा नही है और कुछ पशुओं की ठंड से मौत भी हुई है.

उन्होंने कहा कि जब तक गाय दूध देती है और बैल खेतो में हल लगाते हैं. तब तक लोग उन पशुओं को घर में रख लेते हैं, लेकिन जैसे ही गाय दूध देना छोड़ देती है और बैल का काम खेतों से खत्म हो जाता है तो लोग इन पशुओं को बाजार या सड़कों पर छोड़कर चले जाते हैं, जिसके बाद इन पशुओं को बाजार में खाने के लिए कूड़ा और प्लास्टिक नसीब होता है. ऐसे में पशुओ को कई बीमारी फैलती है जिस कारण कई बेजुबान पशुओं की मौत भी हो जाती है.

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अवनिन्दर शर्मा ने कहा कि सर्दियों में आवारा पशु सड़कों पर वाहनों की चपेट में आ जाते हैं. जिससे दुर्घटना का खतरा बना रहता है, इससे पशु व वाहन चालक दोनों को नुकसान होता है.

उन्होंने कहा कि पशु भी इंसान की तरह दर्द महसूस करने वाले हैं. बस पशु अपना दर्द नहीं बता सकते. इसलिए लोग अपने पशुओं को अपने घर मे रखें ताकि बेसहारा पशुओं को ठंड में भूखा न मरना पड़े. उन्होंने कहा कि फिलहाल अभी वैकल्पिक तौर पर वांगतू में गोशाला में बेसहारा पशुओं को रखा जा रहा है.

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