शिमला: जिला में आज शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने संस्कृत भारती समिति के साथ बैठक की है. इसी बीच उन्होंने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए कुछ स्थानों पर भूमि का निरीक्षण किया गया है और उपयुक्त स्थान निर्धारित होते ही संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना का कार्य शुरू कर दिया जाएगा. ऐसे में हम कह सकते हैं कि प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना को लेकर प्रक्रिया तेज हो गई है.
संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक लंबे समय से कर रहे थे मांग
प्रदेश के लगभग साढ़े सात हजार शास्त्री व भाषा संस्कृत अध्यापक स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं और लंबे समय से संस्कृत के विद्वान व संस्कृत विषय से जुड़े शिक्षक व संगठन प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना की मांग कर रहे थे. शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर ने कहा कि संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए समिति भी गठित की गई है, जो इस बारे में नियम व उप-नियम (बायलॉज) तैयार करेगी. वहीं सरकारी स्कूलों के शास्त्री व भाषा अध्यापकों को टीजीटी शास्त्री व टीजीटी हिन्दी पदनाम देने पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस बारे में प्रदेश सरकार विचार कर रही है.