शिमला. सचिवालय में बैठक की अध्यक्षता करते हुए शिक्षा मंत्री ने कहा कि प्रदेश में संस्कृत विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए गठित प्रारूप समिति से सुझाव लिए गए हैं. इसके अलावा अधिकारियों को विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए रूपरेखा और प्रारूप तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं.
प्रदेश के विभिन्न शैक्षणिक संस्थानों में संस्कृत भाषा के अध्यापकों के नए पद सृजित करने संबंधी मामला मंत्रिमंडल के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा और संस्कृत अधिकारियों को नियुक्त करने की संभावनाएं तलाश की जाएगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार हिन्दी भाषा और प्रदेश की द्वितीय राजभाषा संस्कृत के प्रचार-प्रसार के लिए कार्यरत है. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने कहा कि बच्चों में संस्कृत भाषा के प्रति रुझान को बढ़ावा देने के लिए विद्यालयों में तीसरी, चौथी और पांचवी कक्षाओं में संस्कृत भाषा पढ़ाई जाएगी. जिससे प्रारंभिक स्तर पर ही बच्चे संस्कृत भाषा की शिक्षा ग्रहण कर सकेंगे.