शिमला: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाने वाला करवाचौथ इस बार 24 अक्टूबर को है. करवाचौथ के मौके पर सुहागिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी उम्र की कामना करती हैं. करवा चौथ में सुहागिन महिलाएं सोलह श्रृंगार कर भगवान शंकर और माता पार्वती की आराधना करती हैं और इसके साथ ही चौथ माता की कथा भी सुनती हैं. करवा चौथ को लेकर बाजारों में इन दिनों रौनक लगी हुई है .
बात अगर राजधानी शिमला की करें तो यहां करवाचौथ से एक दिन पहले लोअर बाजार में महिलाओं ने जमकर खरीदारी की. महिलाओं ने सोलह शृंगार की सामग्री के अलावा सरघी और पूजा की सामग्री भी खरीदी. सुबह से बाजार में दुकानें सजने लगीं थीं. दिनभर महिलाएं बाजार में खरीदारी करती देखी गईं. सबसे अधिक भीड़ कपड़ों, ज्वेलरी, मिठाई और पूजा सामग्री की दुकानों पर लगी रही.
करवाचौथ के एक दिन पहले बाजारों खूब रौनक रही. शहर के लोअर बाजार, मालरोड अन्य बाजारों में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी. चाहे चूड़ियों की दुकानें हों या मिठाई की, पूरा दिन महिलाओं की धूम रही. ब्यूटी पार्लर वालों ने भी करवाचौथ के एक दिन पहले जमकर चांदी लूटी.
मेहंदी वालों की चांदी: करवा चौथ के लिए सबसे अधिक भीड़ मेहंदी लगाने वाले स्टॉल पर दिखी. यहां पर महिलाएं मेहंदी लगाने के लिए घंटों इंतजार करती रहीं. मेहंदी लगाने वालों ने भी त्योहार के चलते दरें बढ़ा दी थी. हाथों में मेहंदी लगाने के 300 रुपये से 1800 रुपये तक वसूल किये जा रहे थे. बावजूद इसके महिलाओं की लंबी कतारें दिनभर मेहंदी वालों के पास लगी रहीं.
चांद के दीदार के लिए महिलाएं सोलह श्रृंगार कर ऐतहासिक रिज मैदान पर आएंगी. ज्योतिषाचार्य शशि पाल डोगरा के अनुसार राजधानी शिमला में चांद करीब 8:01 दिखाई देगा. उसके बाद महिलाएं चंद्रमा को अर्घ्य देंगी और पति की दीर्घायु के लिए प्रार्थना करेंगी. पहले पति और चांद का दीदार कर वे अपना व्रत तोड़ेंगी. करवाचौथ को देखते हुए जिला प्रशासन ने सुरक्षा के इंतजाम भी किए हैं.
गौरतलब है कि करवाचौथ पति और पत्नी के बीच के प्रेम को दर्शाने वाला बेहद निष्ठापूर्ण व श्रद्धा भाव से उपवास रखने का त्योहार है. प्राचीनकाल से महिलाएं अपने पति की दीर्घायु के लिए यह व्रत करती चली आ रही है. इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की दीर्घायु के लिए व्रत करती हैं और ईश्वर से आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.
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