किन्नौर:किन्नौर के कल्पा में रौलाने मेले का आगाज हो गया है. इस मेले में स्थानीय ग्रामीण अपने चेहरे पर मुखौटे लगाकर बहरूपिये बनकर (ROULANE FAIR STARTS IN KALPA) मंदिर प्रांगण में नाचते हुए आते हैं. स्थानीय देवता नारायण के आदेश से यह मेला करीब तीन से चार दिन चलता है. इस मेले को चीने कायनग भी कहा जाता है.
रौलाने मेले में स्थानीय ग्रामीण अपने चेहरे पर मुखौटे लगाकर बहरूपिये बनकर नारायाण देवता मंदिर प्रांगण में नाचते हुए आते हैं. लोग देवता नारायण का आशीर्वाद लेकर पारंपरिक वेशभूषा में मंदिर में नाचते हैं. इस दौरान गांव के लोग भी इस मेले का आनंद लेने के लिए चारों तरफ बैठे होते हैं. मेले में जो मुखौटे लगाकर नृत्य करने वाले ग्रामीण होते हैं उन्हें अपनी पहचान छुपानी पड़ती है.
किन्नौर के कल्पा में रौलाने मेले का आगाज, बहरूपिये बनकर ग्रामीण करते हैं नृत्य
किन्नौर के कल्पा गांव में रौलाने मेले की शुरुआत हो (ROULANE FAIR STARTS IN KALPA) गई है. इस मेले की खास बात ये है कि ग्रामीणों द्वारा बहरूपिये बनकर नृत्य किया जाता है और उन्हें अपनी पहचान छुपानी पड़ती है.
किन्नौर के कल्पा में रौलाने मेले का आगाज