शिमला: प्रदेश में कोविड-19 से अधिक लोग सड़क हादसों में अपनी जान गवां रहे हैं. इसका खुलासा परिवहन विभाग से मिले आंकड़ों में हुआ है. प्रदेश में कोरोना संकट तो जारी है ही लेकिन सड़क हादसों में ज्यादातर मानवीय गलतियां ही सामने आ रही हैं.
आंकड़ों के अनुसार कोरोना संकट काल में जब लॉकडाउन चल रहा था उस समय भी लोग की मौतें सड़क हादसों में हुई है. कोरोना काल और इसके बाद अब तक 8 महीनों में प्रदेश में 474 मौतें हो चुकी है. जबकि कोरोना संक्रमण के फैलते हुए अब तक 74 मौतें हुई है. विभाग के आंकड़ों में सामने आया है कि कोरोना संकट काल में जब लॉकडाउन था तो अधिक मौतें सड़क हादसों में हुई हैं.
आंकड़ों के अनुसार जून माह तक यानी लॉकडाउन तक प्रदेश में 319 लोगों की मौतें हुई थी. वहीं जुलाई और अगस्त माह में 155 लोगों ने विभिन्न सड़क हादसों में अपनी जान गवाई. विभाग के आंकलन में सड़क हादसों में हुई मौतों की जांच में यह भी सामने आया है कि मानवीय गलतियों की वजह से इस तरह के हादसे हुए हैं. इनमें अंधे मोड़ की वजह से 1.60 प्रतिशत लोगों की मौतें, फिसलन भरी सड़कों की वजह से 0.31 मौतें हुई हैं.
इन जिलों में इतने लोगों ने सड़क हादसों में गंवाई जान
विभाग ने हादसों व घायलों का भी किया है आंकलन
विभाग ने मौतों के साथ सड़क हादसों और घायलों का आंकलन भी किया है. जिनमें अगस्त माह तक प्रदेश में सड़क हादसों में विभिन्न कारणों और अपनी गलतियों की वजह से 1294 हादसे हुए हैं. वहीं इन हादसों में मौतों को छोड़ कर 1057 लोग घायल हुए हैं.
साल 2019 के मुकाबले इस वर्ष अब तक हादासों में कमी
साल 2019 में हुए स़ड़क हादसों के मुकाबले अब यानी सितंबर माह तक सड़क हादसों में कमी आई है. यह कमी अधिक तो नहीं लेकिन करीब 12 से 13 प्रतिशत कम हादसे हुए है. मौजूदा समय में परिवहन विभाग और रोड सेफ्टी सेल स़ड़क हादसों को रोकने के लिए अभियान फिलहाल बंद है. लेकिन विभिन्न माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है. वहीं वाहनों को सड़क पर चलाने के लिए सख्त नियमों को लागू कर रहा है ताकि लोगों नियमों को अपने जीवन में अपनाने के लिए प्ररित कर रहा है.
मानवीय गलती से अधिक हो रहे हादसे
परिवहन विभाग के निदेशक कैप्टन जेएम पठानिया ने कहा कि प्रदेश में सड़क हादसें लगातार हो रहे हैं. लेकिन सड़क हादसों में दोपहिया और लाइट मोटर व्हीकल के हादसों का आंकड़ा अधिक है. वहीं यह हादसे मानवीय गलती से भी अधिक हो रहे हैं. जिसमें ओवर स्पीड सहित यातायात नियमों का पालन नहीं करना है. विभाग के आंकलन में ये बात सामने आई है कि पिछले साल के मुकाबले इस साल हादसों में कमी आई है.