शिमला: सड़क हादसे हिमाचल प्रदेश को गहरे जख्म (road accidents in himachal) देते हैं. यहां रोजाना औसतन तीन लोग हादसों में अपनी जान गंवाते हैं. पूरे प्रदेश में तीन जिले ऐसे हैं, जहां सड़क हादसों का कहर सबसे अधिक बरपता है. शिमला, कांगड़ा व सोलन जिले में सड़क दुर्घटनाओं में सबसे अधिक जनहानि देखी गई है. तीन साल के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो इन तीन जिलों में 1354 लोगों ने अपनी जान गंवाई है. वहीं, सड़क दुर्घटनाओं के लिहाज से प्रदेश का सबसे छोटा जिला लाहौल-स्पीति सबसे सुरक्षित है. लाहौल-स्पीति में तीन साल में 22 लोगों की जान हादसों में गई है. अभी तक सरकारी रिकॉर्ड में फरवरी 2022 तक के आंकड़े दर्ज किए जा चुके हैं. ये रिपोर्ट उन्हीं आंकड़ों पर आधारित है.
बिलासपुर जिले में तीन साल में 109 लोगों की मौत: जिला वार देखें तो बिलासपुर जिले में 2019 में 35, 2020 में 31 व 2021 में सड़क हादसों में (Road accident in bilaspur ) 38 लोगों की जान गई. फरवरी 2022 तक जिला बिलासपुर में 5 लोगों की मौत हुई. इस तरह कुल 109 लोगों को मौत का शिकार होना पड़ा.
चंबा जिले में 243 लोग हुआ सड़क हादसे के शिकार: चंबा जिले में वर्ष 2019 में 78, 2020 में 74 व 2021 में 85 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं (Road Accident in chamba ) में दर्ज की गई. चंबा में कोरोना संकट के दौरान सड़क हादसों में दो साल के मुकाबले अधिक लोगों की मौत हुई. यहां फरवरी 2022 तक 6 लोगों को हादसों का शिकार होना पड़ा. इस तरह चंबा जिले में कुल 243 लोगों की मृत्यु सड़क हादसों में हुई.
हमीरपुर जिले में मौत का आंकड़ा कम: हमीरपुर जिले में उपरोक्त जिलों के मुकाबले मौत का आंकड़ा कम (Road Accident in Hamirpur ) है. यहां वर्ष 2019, 2020 व 2021 में क्रमश: 35, 37 व 22 लोगों ने जान गंवाई. फरवरी 2022 तक 2 लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत हुई. हमीरपुर जिले में सड़क हादसों ने 96 लोगों की जान ली.
कांगड़ा जिले में 414 लोगों की मृत्यु: कांगड़ा जिले में हादसों का ग्राफ दुर्भाग्यपूर्ण (Road accident in kangra ) है. यहां वर्ष 2019 में 156, वर्ष 2020 में 126 व वर्ष 2021 में 127 लोगों की जान गई. फरवरी 2022 में 6 लोगों को मौत का शिकार होना पड़ा है. इस अवधि में कांगड़ा जिले में 414 लोगों की मृत्यु सड़क दुर्घटनाओं में हुई है.
किन्नौर जिले में 105 लोग बने काल का ग्रास: किन्नौर जनजातीय जिला है और आबादी यहां की कम है. किन्नौर में सड़क हादसों का आंकड़ा (Road accident in kinnaur ) देखा जाए तो यहां वर्ष 2019, 2020 व 2021 में क्रमश: 37, 34 व 32 लोगों को असमय दुर्घटनाओं में काल का ग्रास बनना पड़ा. फरवरी 2022 तक यहां 2 लोगों की मृत्यु हुई. किन्नौर जिले में कुल 105 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा.
कुल्लू जिले में मौत का आंकड़ा भयावह: कुल्लू जिले में वर्ष 2019 में सड़क हादसों में जान गंवाने वालों का आंकड़ा भयावह है. यहां 2019 में 134 लोगों की मौत हुई. कुल्लू में कोरोना के दौरान वर्ष 2020 में 53 और 2021 में 77 लोगों की जान सड़क हादसों (Road accident in Kullu) में चली गई. फरवरी 2022 तक यहां 10 लोगों की मौत हुई. इस तरह कुल्लू में तीन साल में 274 लोग दुर्घटनाओं में मौत का शिकार हुए.
सड़क हादसों के लिहाज से लाहौल-स्पीति सबसे सुरक्षित: सबसे छोटा जिला लाहौल-स्पीति सबसे कम हादसों का शिकार (Road Accident in lahaul spiti) रहा. लाहौल-स्पीति में वर्ष 2019, 2020 व 2021 में क्रमश: 4,9,9 लोगों की मौत हुई. फरवरी 2022 तक यहां किसी की भी मौत सड़क हादसे में नहीं हुई है. इस तरह जिले में तीन साल में 22 लोगों की ही मौत हुई. हालांकि सड़क हादसों में एक भी मौत दुर्भाग्यपूर्ण है, लेकिन हादसों को रोकने के प्रयास किए जाने चाहिए.