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Road Accident In Himachal: देवभूमि को मौत के घाव दे रही सड़क दुर्घटनाएं, हिमाचल में UK और J&K से अधिक तबाही

हिमाचल में सड़क हादसों में रोजाना औसतन तीन लोग (Road Accident In Himachal) मौत का शिकार होते हैं. हादसों के मुख्य कारणों में इनसानी लापरवाही सामने आई है. इस संदर्भ में विधानसभा में भी रिपोर्ट रखी गई थी. पुलिस भी अपने स्तर पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाती है. फिलहाल, यहां बात करते हैं केंद्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट की....

Road Accident In Himachal
हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं

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Published : Jun 4, 2022, 8:18 PM IST

Updated : Jun 6, 2022, 11:55 AM IST

शिमला: पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश में सड़क दुर्घटनाएं नासूर बन गई हैं. देवभूमि को सड़क हादसे मौत के घाव दे रही हैं. हिमाचल की तरह ही भौगोलिक परिस्थितियों वाले उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी रोजाना एक्सीडेंट होते हैं, लेकिन हिमाचल में उनके मुकाबले तबाही अधिक हो रही है. उदाहरण के लिए उत्तराखंड में साल भर में सड़क दुर्घटनाओं के मामले (Road Accident In Himachal) और मौतों की संख्या दोनों ही हिमाचल से कम हैं. इसी तरह जम्मू-कश्मीर में हादसों की संख्या हिमाचल के मुकाबले दोगुनी है, लेकिन वहां दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या हिमाचल से कम है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय की 2020 की रिपोर्ट में कई चिंताजनक तथ्य सामने आए हैं. पांच साल के आंकड़ों के आधार पर देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश की स्थिति पीड़ादायक है.

हिमाचल में सड़क हादसों में रोजाना औसतन तीन लोग मौत का शिकार होते हैं. हादसों के मुख्य कारणों में इंसानी लापरवाही सामने आई है. इस संदर्भ में विधानसभा में भी रिपोर्ट रखी गई थी. पुलिस भी अपने स्तर पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए जागरुकता अभियान चलाती है. फिलहाल, यहां बात करते हैंकेंद्रीय सड़क व राजमार्ग मंत्रालय की ताजा रिपोर्ट की.
ये भी पढ़ें: हादसों का हिमाचल: शाम 6 से 9 के बीच होते हैं सबसे ज्यादा एक्सीडेंट, 49% हादसों की वजह ओवर स्पीड

केंद्रीय मंत्रालय की रिपोर्ट में हिमाचल (Union Ministry of Roads and Highways) की स्थिति चिंताजनक है. पहाड़ी राज्य हिमाचल में पांच साल में सड़क दुर्घटनाओं में 5721 लोगों की मौत हुई हैं. इस तरह हर साल औसतन 1144 लोगों की मौत हुई. ये आंकड़ा भयावह है. यदि कुल दुर्घटनाओं का (Road Accident In Himachal) आंकड़ा देखें तो पांच साल में हिमाचल में 14504 एक्सीडेंट हुए. इस तरह सालाना एक्सीडेंट की औसत 2900 है, यानी रोजाना करीब 8 एक्सीडेंट हिमाचल में पेश आते हैं.

ये है हिमाचल की तस्वीर:हिमाचल में 2016 से 2020 तक 14504 सड़क हादसे हुए. 2016 में हादसों की संख्या 3168 थी. इसी तरह वर्ष 2017 में 3114, वर्ष 2018 में 3110, वर्ष 2019 में 2873, वर्ष 2020 में 2239 सड़क हादसे हुए. इस दौरान वर्ष 2016 में 1271, वर्ष 2017 में 1203, वर्ष 2018 में 1208, वर्ष 2019 में 1146 व वर्ष 2020 में कोरोना संकट के पहले साल में 893 लोगों की मौत हुई. पांच साल में हिमाचल में 5721 लोगों की जान गई. इस तरह हिमाचल में हर साल औसतन 1144 लोगों की जान एक्सीडेंट में जा रही है.

साल हिमाचल में हादसे हादसों में मौत
2016 3168 1271
2017 3114 1203
2018 3110 1208
2019 2873 1146
2020 2239 893
5 साल में कुल 14504 5721

उत्तराखंड में ये है सूरतेहाल:हिमाचल की तरह ही पहाड़ी राज्य (road accident in uttarakhand) उत्तराखंड में वर्ष 2016 में 1591, वर्ष 2017 में 1603, वर्ष 2018 में 1468, वर्ष 2019 में 1352 व साल 2020 में 1041 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में क्रमश: 962, 942, 1047, 867 व 674 लोगों ने जान गंवाई. उत्तराखंड में हिमाचल के मुकाबले हर साल दुर्घटनाओं की संख्या भी कम है और मौतों का आंकड़ा भी. हिमाचल में पांच साल 14504 सड़क हादसों में 5721 लोगों की जान गई. वहीं, उत्तराखंड में पांच साल में 7055 हादसे हुए. यानी हिमाचल में उत्तराखंड से दुगने सड़क हादसे हो रहे हैं. पांच साल में उत्तराखंड में 4492 लोगों की मौत सड़क दुर्घटनाओं में हुई. यानी हिमाचल से पांच साल में 1229 कम मौतें हुई हैं.

साल उत्तराखंड में हादसे हादसों में मौत
2016 1591 962
2017 1603 942
2018 1468 1047
2019 1352 867
2020 1041 674
5 साल में कुल 7055 4492

जेएंडके में हादसे अधिक, जान गंवाने वालों का आंकड़ा हिमाचल से कम:जम्मू-कश्मीर में भी सड़क हादसों का (Road accident in J&K) आंकड़ा भयावह है, लेकिन वहां हादसों के मुकाबले जान गंवाने वालों की संख्या कम है. जेएंडके में वर्ष 2016 में 5501, वर्ष 2017 में 5624, वर्ष 2018 में 5978, वर्ष 2019 में 5796 व साल 2020 में 4860 सड़क हादसे हुए. इन हादसों में मरने वालों की संख्या क्रमश: 958, 926, 984, 996 व 728 रही. इस तरह जम्मू-कश्मीर में पांच साल में 27759 सड़क हादसे पेश आए. ये आंकड़ा हिमाचल और उत्तराखंड दोनों को मिलाकर उनसे अधिक है. लेकिन सड़क हादसों में जान गंवाने वालों की संख्या कम है. जेएंडके में सालाना सड़क हादसों की औसत 5551 रही. यहां पांच साल में 4592 लोगों की जान एक्सीडेंट में गई यानी हर साल जेएंडके में 918 लोग मौत का शिकार हुए.

साल जम्मू-कश्मीर में हादसे हादसों में मौत
2016 5501 958
2017 5624 926
2018 5978 984
2019 5796 996
2020 4860 728
5 साल में कुल 27759 4592


हिमाचल पुलिस के सर्वे के अनुसार राज्य में शाम छह से नौ बजे के बीच सबसे अधिक हादसे होते हैं. कुल हादसों का 49 फीसदी ओवर स्पीड के कारण देखा गया है. रैश ड्राइविंग के कारण 19 फीसदी हादसे (Road Accident In Himachal) पेश आते हैं. परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर का कहना है कि राज्य सरकार ब्लैक स्पॉट सुधार रही है. इसके अलावा पुलिस व सामाजिक संस्थाओं के साथ मिलकर जागरुकता अभियान चलाए जा रहे हैं.

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Last Updated : Jun 6, 2022, 11:55 AM IST

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