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राजस्व कानूनों की पेचीदगियों के कारण 94 हजार 902 मामले अदालतों में लंबित: महेंद्र सिंह ठाकुर

राजस्व कानूनों की पेचीदगियों की वजह से और इनसे जुड़े 94 हजार 902 मामले अदालतों में लंबित हैं. अब राजस्व कानूनों का सरलीकरण कर इनमें बदलाव के मकसद से गठित विशेषज्ञ कमेटी की रिर्पोट विधानसभा के बजट सत्र में पेश होगी. वहीं, मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लंबित मामलों में विभाजन, भूमि की डिमार्केशन, म्यूटेशन के साथ-साथ अतिक्रमण के मामले भी हैं. यहीं नहीं कई राजस्व कानून दशकों पुराने हैं. लिहाजा सरकार ने राजस्व कानूनों की पेचीदगियों से लोगों को निजात दिलाने के मकसद से इनमें सरलीकरण की योजना बनाई .

Revenue Minister Mahendra Singh Thakur on land and Revenue laws
राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर

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Published : Dec 21, 2020, 10:03 AM IST

शिमलाः राजस्व कानूनों की पेचीदगियों की वजह से और इनसे जुड़े 94 हजार 902 मामले अदालतों में लंबित हैं. अब राजस्व कानूनों का सरलीकरण कर इनमें बदलाव के मकसद से गठित विशेषज्ञ कमेटी की रिर्पोट विधानसभा के बजट सत्र में पेश होगी.

कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट में होगी चर्चा

रिपोर्ट को बजट सत्र में प्रस्तुत करने से पहले कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट में चर्चा होगी. साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी की अहम बैठक जल्द होगी. माना जा रहा है कि इसी महीने कमेटी अपनी रिपोर्ट फाइनल तैयार कर लेगी.

वीडियो रिपोर्ट

लोगों को निजात दिलाने के सरलीकरण की बनाई योजना

इस दौरान राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लंबित मामलों में विभाजन, भूमि की डिमार्केशन, म्यूटेशन के साथ-साथ अतिक्रमण के मामले भी हैं. राजस्व कानूनों में प्रयोग होने वाले शब्द अरबी, फारसी व उर्दू के साथ-साथ टांकरी के भी हैं. अधिकांश शिक्षित लोग भी इन शब्दों का अर्थ नहीं समझ पाते. यहीं नहीं कई राजस्व कानून दशकों पुराने हैं. कई आप्रासंगिक हो गए हैं. लिहाजा सरकार ने राजस्व कानूनों की पेचीदगियों से लोगों को निजात दिलाने के मकसद से इनमें सरलीकरण की योजना बनाई .

योजना में पक्ष विपक्ष के 6 विधायक शामिल

उन्होंने कहा कि राजस्व कानूनों की पेचीदगियों का आलम यह है कि अदालतों में इनसे जुड़े मामलों के निपटारे में सालों साल लग जाते हैं. लिहाजा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के निर्देशों पर राजस्व कानूनों के सरलीकरण की योजना बनाई गई. इसके लिए बाकायदा विधायक रामलाल ठाकुर की अध्यक्षता में विधायकों की उपसमिति बनी. पक्ष व विपक्ष सभी पक्षों के 6 विधायकों को इसमें शामिल किया गया.

इन जिलों में विलेज कॉमन लैंड की दिक्कत

उन्होंने कहा कि प्रदेश के मंडी, बिलासपुर, शिमला , कुल्लू व चंबा में विलेज कॉमन लैंड की दिक्कत है. इन जिलों में गांव की भूमि को एफसीए में शामिल किया गया है. एफसीए से जुड़े करीब 600 मामले सर्वोच्च न्यायालय में विचाराधीन हैं. उन्होंने कहा कि विशेषज्ञ कमेटी की बैठक इसी माह होनी है.

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होगी बैठक

उन्होंने कहा कि इसके बाद मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में बैठक होगी. बैठक में विशेषज्ञ कमेटी की रिपोर्ट पर चर्चा के बाद कानूनों के सरलीकरण, संशोधन व उन्हें निरस्त करने के बारे में चर्चा होगी. इसके बाद इसे बजट सत्र में विधान सभा में प्रस्तुत किया जाएगा.

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