शिमलाः राजस्व कानूनों की पेचीदगियों की वजह से और इनसे जुड़े 94 हजार 902 मामले अदालतों में लंबित हैं. अब राजस्व कानूनों का सरलीकरण कर इनमें बदलाव के मकसद से गठित विशेषज्ञ कमेटी की रिर्पोट विधानसभा के बजट सत्र में पेश होगी.
कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट में होगी चर्चा
रिपोर्ट को बजट सत्र में प्रस्तुत करने से पहले कमेटी की रिपोर्ट पर कैबिनेट में चर्चा होगी. साथ ही मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में कमेटी की अहम बैठक जल्द होगी. माना जा रहा है कि इसी महीने कमेटी अपनी रिपोर्ट फाइनल तैयार कर लेगी.
लोगों को निजात दिलाने के सरलीकरण की बनाई योजना
इस दौरान राजस्व मंत्री महेंद्र सिंह ठाकुर ने कहा कि प्रदेश में लंबित मामलों में विभाजन, भूमि की डिमार्केशन, म्यूटेशन के साथ-साथ अतिक्रमण के मामले भी हैं. राजस्व कानूनों में प्रयोग होने वाले शब्द अरबी, फारसी व उर्दू के साथ-साथ टांकरी के भी हैं. अधिकांश शिक्षित लोग भी इन शब्दों का अर्थ नहीं समझ पाते. यहीं नहीं कई राजस्व कानून दशकों पुराने हैं. कई आप्रासंगिक हो गए हैं. लिहाजा सरकार ने राजस्व कानूनों की पेचीदगियों से लोगों को निजात दिलाने के मकसद से इनमें सरलीकरण की योजना बनाई .