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जयराम सरकार के पहले बजट का रिपोर्ट कार्ड, 30 नई घोषणाओं पर तेजी से किया था अमल

नई-नई जिम्मेदारी मिलने पर शुरुआती दौर में जोश रहना स्वाभाविक है. हिमाचल में दिसंबर 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो एक नए चेहरे के रूप में जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री का (Jairam Thakur tenure budget) पद संभाला. जाहिर है, पहले बजट की घोषणाओं पर तत्परता से काम भी हुआ. यहां पहले बजट के संदर्भ में नई घोषणाओं का जायजा लेना प्रासंगिक होगा.

first budget of Jairam government
बजट की बात

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Published : Feb 17, 2022, 8:22 PM IST

Updated : Feb 19, 2022, 8:59 AM IST

शिमला:नई-नई जिम्मेदारी मिलने पर शुरुआती दौर में जोश रहना स्वाभाविक है. हिमाचल में दिसंबर 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो एक नए चेहरे के रूप में जयराम ठाकुर ने मुख्यमंत्री का पद संभाला. कर्ज में डूबे हिमाचल को बेशक जयराम सरकार कोई खास राहत नहीं दे पाई, लेकिन पहले बजट (jairam government first budget) में कुछ नवीनता जरूर देखी गई थी. मार्च 2018 में जयराम ठाकुर (Jairam Thakur tenure budget) ने अपने कार्यकाल का पहला बजट पेश किया. उस दौरान मुख्यमंत्री ने 30 नई घोषणाएं की थी.

जाहिर है, पहले बजट की घोषणाओं पर तत्परता से काम भी हुआ. सरकार ने एक महत्वाकांक्षी योजना जनमंच के नाम से शुरू की थी. इस योजना को सरकार ने प्रभावी तरीके से लागू किया. हर महीने कैबिनेट मंत्री प्रदेश भर में अलग-अलग जिलों में आम जनता की समस्याओं को सुनकर मौके पर ही निपटाने का काम करते हैं. कोविड के दौरान जरूर जनमंच नहीं हुए, लेकिन इस अभियान को जयराम सरकार ने सफल करार दिया. यहां पहले बजट के संदर्भ में नई घोषणाओं का जायजा लेना प्रासंगिक होगा.

वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा घटाई:मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद पहली कैबिनेट मीटिंग (Himachal Cabinet meeting) में ही सरकार ने सामाजिक न्याय की दिशा में एक बेहतरीन फैसला लिया. वृद्धावस्था पेंशन की आयु सीमा 80 से घटाकर 70 साल की गई. साथ ही इसके लिए आय सीमा की शर्त भी हटाई थी. यदि वर्तमान समय की बात की जाए तो हिमाचल में सवा चार लाख बुजुर्ग पेंशन से लाभ उठा रहे हैं. वीरभद्र सरकार के समय दो ऐसे दुखद हादसे हुए, जिन्होंने हिमाचल को दहला दिया. गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले ने प्रदेश को आक्रोश में डाल दिया.

इसके अलावा फॉरेस्ट गार्ड होशियार सिंह की संदिग्ध परिस्थितियों में लाश पेड़ से लटकी मिली. दोनों मामलों की जांच हाईकोर्ट के आदेश पर सीबीआई को सौंपी गई. जयराम सरकार ने सत्ता में आने के बाद गुड़िया और होशियार सिंह हेल्पलाइन शुरू की. इस हेल्पलाइन पर 2200 से अधिक शिकायतें आई जिनमें से अधिकांश का निपटारा किया गया. इसके अलावा बजट में ऐलान किया गया कि विधायक क्षेत्रीय विकास निधि 1.10 करोड़ के बजाय 1.25 करोड़ होगी. इस वादे को भी सरकार ने पूरा किया. पहले बजट में हर घर को एलपीजी गैस देने का वादा किया गया.

हिमाचल में हर घर में रसोई गैस: वर्तमान स्थिति यह है कि हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है जहां हर घर में रसोई गैस है. पहले बजट में ही बागवानी सेक्टर के लिए 1134 करोड़ रुपए की बागवानी विकास परियोजना का ऐलान किया गया. इस योजना पर भी काम जारी है. सरकार ने गौसेवा आयोग के गठन का फैसला लिया था और इस वादे को भी पूरा किया गया है. शराब की बिक्री पर प्रति बोतल एक रुपया गोवंश सैस लगाया गया था, जिसे कुछ समय बाद बढ़ाकर डेढ़ रुपये किया गया था. यह वादा भी पूरा किया गया और गोवंश सैस के 10 करोड़ से अधिक के बजट को विभिन्न कार्यों में प्रयोग किया जा रहा है.

खुशहाल किसान नाम से नई योजना:इसी तरह प्राकृतिक खेती, खुशहाल किसान नाम से नई योजना का ऐलान कर 25 करोड़ का बजट रखा गया. इस योजना का भी लाभ मिला है. इसी तरह बागवानी सुरक्षा योजना में 60 फीसदी सब्सिडी वाला वादा भी पूरा हुआ है. अन्य योजनाओं पर नजर डालें तो 2366 कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से लोगों को 127 सेवाएं देने का वादा पूरा हुआ है. ग्राम पंचायतों में सभी परिवार रजिस्टर और कैश बुक ऑनलाइन किए गए. सोलन, चंबा व हमीरपुर जिलोंं में नये महिला पुलिस थाने खोले गए. पुलिस थाना स्तर पर नशा निवारण समितियां गठित की गई.

महिला कर्मियों का मातृत्व अवकाश:अनुबंध आधार पर नियुक्त महिला कर्मियों का मातृत्व अवकाश 135 दिन से बढ़ाकर 180 दिन किया गया. इसके अलावा बेटी है अनमोल योजना में बीपीएल परिवार में जन्म लेने वाली बालिका को दी जाने वाली सहायता राशि 10,000 से बढ़ाकर 12,000 रुपये की गई. मदर टेरेसा असहाय मातृ संबल योजना के तहत बच्चों के पालन-पोषण के लिए दी जाने वाली सहायता राशि 5000 रुपये प्रति बच्चा प्रतिवर्ष की गई. आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं व सहायिकाओं को राज्य बजट से प्रदत्त अतिरिक्त मानदेय में समय-समय पर बढ़ोतरी का वादा भी पूरा हुआ.

कामगारों की न्यूनतम दिहाड़ी भी बढ़ाई गई. पहले बजट में सरकार ने मुख्यमंत्री लोक भवन योजना के तहत हर जिला में 30 लाख की लागत से लोक भवन बनाने का ऐलान किया था. यह योजना अभी तक प्रारंभिक चरण में ही है. इसके अलावा स्कूली बच्चों को समय पर वर्दी भी उपलब्ध नहीं हो पाई थी. शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर का कहना है कि जयराम सरकार ने पहले बजट में जो वादे किए थे उनमें से करीब-करीब सभी को पूरा किया गया है.

उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार जनता के हित में निरंतर कार्य कर रही है. वहीं, मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार त्रिलोक जम्वाल ने कहा कि जयराम सरकार ने हर बजट की घोषणाओं को पूरा किया. जहां तक पहले बजट की बात है तो मुख्यमंत्री के बजट भाषण में की गई सभी घोषणाओं को पूरा किया है. इन योजनाओं का लोगों को लाभ भी मिल रहा है.

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Last Updated : Feb 19, 2022, 8:59 AM IST

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