रामपुर : हिमाचल को देवभूमि कहा जाता है और यहां हर जिले में कोई न कोई प्रमुख मंदिर जरूर है, जिसकी ख्याती पूरे देश में हो. देवभूमि में जितने मंदिर उन सभी मंदिरों की मान्यताएं और विशेषताएं अलग-अलग हैं. शिमला जिले के रामपुर उमंमडल के अंतर्गत आने वाला श्राईकोटी माता के मंदिर की भी अपनी एक अलग मान्यता है.
रामपुर उपमंडल की कुहल पंचायत क्षेत्र में पड़ने वाला श्राईकोटी माता का ये मंदिर 10 हजार फीट की ऊंचाई पर बसा है. माता का ये खूबसूरत मंदिर श्रद्धालुओं को अपनी ओर आकर्षित करता है. यहां हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शनों के लिए पहुंचते हैं.
इस मंदिर की खासियत या फिर यूं कहें कि विशेष मान्यता ये है कि यहां पति-पत्नी एक साथ मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते. कहा जाता है कि जो पति-पत्नी एक साथ इस मंदिर के दर्शन करते हैं, उनके जीवन में अनेक कष्ट आ जाते हैं और ऐसा वक्त तक आ जाता है कि उन्हें अलग तक होना पड़ सकता है.
पति-पत्नी एक साथ मंदिर में नहीं कर सकते प्रवेश
आमतौर पर हिंदू परंपराओं और यज्ञ-पूजन में पति-पत्नी का एक साथ शामिल होना मंगलकारी माना जाता है, लेकिन श्राईकोटी मंदिर में पति-पत्नी एक साथ नहीं जा सकते. हर साल हजारों की संख्या में श्रद्धालु यहां आते हैं, लेकिन पति-पत्नी हमेशा ही अलग होकर ही इस मंदिर में पूजा-अर्चना करते हैं.
शास्त्रों में भी ऐसी कई कथाएं आती हैं जब किसी ने आध्यात्मिक व शुभ कार्य करना होता है तो पति पत्नी दोनों उसमें शामिल रहते हैं. परंतु हिमाचल प्रदेश का ये मंदिर इसको लेकर अनोखा हैं.
क्या है वजह ?
वहीं, मंदिर पुजारी ने बताया कि श्राईकोटी माता मंदिर में एक कन्या के रूप में मौजूद हैं. इसी वजह से पति-प्तनी एक साथ मंदिर में प्रवेश नहीं कर सकते. लोगों की मान्यता है कि जो भी भक्त मंदिर में परंपरा का पालन करते हुए दर्शन करते हैं उनकी समस्त मनोकामनाएं पूरी होती हैं.
10 हजार फीट की ऊंचाई पर बसे इस मंदिर के आसपास प्राकृतिक सुंदरता भी भरपूर है. ज्यादातर सैलानी यहां माता के दर्शनों के साथ-साथ प्रकृति के नजारों का मजा लेने भी यहां आते हैं.