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हिमाचल आएं तो खाना न भूलें ये पारंपरिक डिश, सिर्फ खास मौकों पर ही होती है तैयार

भारत की आजादी के 75 वर्ष हो (Indian Independence Day) गए हैं. आजादी के इस अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) पर अपनी परंपरा से जुड़ी चीजों का उल्लेख भी जरूरी है. इसी कड़ी में आज हम आपको हिमाचल की ऐसी पारंपरिक डिश के बारे में बताएंगे जो खास मौकों पर ही बनाई जाती है. इस पकवान को बनाने से लेकर इसके स्वाद तक सबकुछ बहुत खास है. ये हिमाचल में सेब के बाद सबसे मशहूर खाने की चीज है. जिसे सिड्डू कहते (Himachal Famous Dish Siddu) हैं. तो आइए आपको बताते हैं इस हिमाचली डिश के बारे में....

हिमाचली सिड्डू
हिमाचली सिड्डू

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Published : Aug 12, 2022, 1:24 PM IST

शिमला:देश को आजाद हुए आज 75 साल हो (Achievements 75) चुके हैं और इस वर्ष को आजादी के अमृत महोत्सव (Azadi ka Amrit Mahotsav) के रूप में मनाया जा रहा है. आजादी (Indian Independence Day) के इस सफर में अगर पारंपरिक व्यंजनों की बात न हो तो बात बिलकुल अधूरी है. किसी देश की पहचान उसकी संस्कृति, परंपरा और पहनावे के अलावा उसके पकवान भी होते हैं और जायके की बात हो तो भारत का कोई सानी नहीं है. कोस-कोस पर बदले पानी और चार कोस पर वाणी, वहां हर राज्य, जिले और शहर का जायका भी बदल (INDIAN TRADITIONAL FOOD) जाता है. पारंपरिक व्यंजन आपको अपनी संस्कृति से जोड़े रखते हैं.

आज बात हिम का आंचल ओढ़े हिमाचल के उस व्यंजन की (Himachal Traditional Food) करेंगे. जो खास-मौकों पर बनाया जाता है. ये हिमाचल में सेब के बाद सबसे मशहूर खाने की चीज है. जिसे सिड्डू कहते (Himachal Famous Dish Siddu) हैं. इस पकवान को बनाने से लेकर इसके स्वाद तक सबकुछ बहुत खास है. फास्ट फूड के इस जमाने में सिड्डू सेहत के लिए भी फायदेमंद है. हिमाचल में सिड्डू को नाश्ते में, तीज त्योहारों, मेहमानों के लिए या फिर किसी खास मौके पर बड़े चाव से बनाया और खाया जाता है. सिड्डू हिमाचल के ऊपरी इलाकों में बनाए जाने वाला खास पारंपरिक व्यंजन है. जो तीज-त्योहार, मेलों और उत्सव में बनाया जाता है. हिमाचल की ये देसी डिश (Dil se Desi) स्वाद के मामले में कई फास्ट फूड को फीका साबित करती है और ये सेहत के लिए फायदेमंद होती है.

हिमाचली सिड्डू.

सिड्डू को खमीर और आटे के मिश्रण से बनाया जाता (Siddu Recipe In Hindi) है. इसके अलावा इसमें दाल, अखरोट व अन्य ड्राई फ्रूट्स का भी इस्तेमाल होता है. जिनका इस्तेमाल सिड्डू को भरने यानी स्टफिंग के लिए किया जाता है. इसे एक खास किस्म की टमाटर, धनिया व पुदीने की चटनी के साथ परोसा जाता है. इसके अलावा इसे देसी घी के साथ भी खाया जाता है. मैदे से बने फास्ट फूड के बीच आटे और ड्राई फ्रूट्स से बने सिड्डू ज्यादा पौष्टिक हैं. ड्राई फ्रूट्स और देसी घी के कारण सिड्डू की तासीर गर्म होती है, इसलिये ये सर्दी में खाना बहुत ही फायदेमंद होता है. हिमाचल की सर्दियों में सिड्डू सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है.

सिड्डू हिमाचल के मशहूर पकवानों की कतार में सबसे आगे खड़ा है. वैसे तो इसे प्रदेशभर में बनाया और खाया जाता है, लेकिन हर जिले में इसे बनाने का तरीका थोड़ा सा अलग हो जाता है. सबसे ज्यादा कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर, मंडी और शिमला में सिड्डू बनाया जाता है. हिमाचल का ये पकवान अब रेस्टोरेंट, ढाबों या खोमचों तक भी पहुंच गया है. जहां से हिमाचल पहुंचने वाले पर्यटक भी इसका स्वाद लेते हैं. कुल्लू, मंडी के सिड्डू को सबसे खासतौर पर पसंद किया जाता है. सिड्डू दो प्रकार के होते हैं, मीठे सिड्डू और नमकीन सिड्डू. सिड्डू कैसे बनता है, ये जानने से पहले जान लीजिये कि सिड्डू बनाने के लिए कौन सी सामग्री की जरूरत होती है.

सिड्डू बनाने का रेसिपी.

सिड्डू बनाने की प्रक्रिया:आटे में आधा चम्मच एक्टिव ड्राई यीस्ट, दो चम्मच घी, आधा चम्मच नमक मिलाकर इसे गूंथ लें. आटे को गुनगुने पानी के साथ गूंथे. इस आटे को तीन से चार मिनट मसलते हुए और सॉफ्ट कर (Siddu making process in hindi) लीजिये. इससे सिड्डू अच्छे बनेंगे. गूंथे हुए आटे पर थोड़ा सा घी लगाकर दो घंटे के लिए ढक दें ताकि आटे में मौजूद हर सामग्री मिल जाए, खासकर यीस्ट. जिससे आटा फूलने लगता है. जब तक आटा तैयार होता है तब तक भिगो कर रखी हुई उड़द दाल में से अतिरिक्त पानी हटा दीजिये.

दाल को मिक्सर जार में डाल कर दरदरा पीस लीजिए. इसमें एक चम्मच से नमक डालें साथ में लाल मिर्च पाउडर, कद्दूकस किया हुआ अदरक, बारीक कटी हुई मिर्च, हल्दी पाउडर, हींग, धनिया पाउडर और थोड़ा सा हरा धनिया डालकर एक बर्तन में मिक्स कीजिये. इस पेस्ट का इस्तेमाल सिड्डू में स्टफिंग के लिए किया जाएगा. दो घंटे के बाद आटा भी अच्छे से फूल कर सेट होकर तैयार हो जाएगा. आटे को थोड़ा सा मसल कर लोइयां बना लें. इतने आटे से चार लोइयां बनकर तैयार हो जाती हैं. लोई को चकले पर गोल की बजाय चपटा या लंबाई में थोड़ा मोटा बेलें. अब इस पर दो से तीन चम्मच स्टफिंग रखें और आटे को उठाकर अर्धचंद्र या मोमो आकार का शेप देकर स्टफिंग को बंद कर दीजिए. इसके किनारों को गुजिया की शेप देते हुए गूंथ लीजिये.

हिमाचली सिड्डू.

अब इन लोईयों (सिड्डू) को भाप में पकाएंगे. भाप में पकाने के लिए एक बर्तन में दो से 2 ½ कप पानी डाल कर इसे गैस पर तेज आंच पर ढककर उबलने के लिए रख दीजिए. एक कटोरी को उस बरतन के अंदर स्टैंड की तरह उल्टा करके रखें. कटोरी के ऊपर एक छलनी रखें जिसपर अच्छी तरह से घी लगा लें ताकि आटे की लोई चिपके ना. छलनी पर सिड्डू को रखकर बर्तन को ढक दें और उसे भाप में पकने दें. 18 से 20 मिनिट तक भाप में पकने के बाद सिड्डू तैयार हो जाएगा. वैसे आजकल सिड्डू बनाने के लिए विशेष बर्तन भी बाजार में मौजूद हैं, ये ठीक वैसा ही होता है जैसे कि मोमोज बनाने वाला बर्तन.

सिड्डू पर घी लगाकर परोसा जाता है. देसी घी के अलावा इसे धनिये की तीखी चटनी या अपनी कोई भी मनपसंद चटनी के साथ परोस सकते हैं. सिड्डू को टुकड़ों में काट कर गरमा गरम सर्व कीजिये. इनका स्वाद आपको बेहद पसंद आएगा. ये नमकीन सिड्डू की रेसिपी है. इसमें दाल की बजाय आप मूंगफली के दाने, अखरोट, खसखस या मिक्स सब्जियों का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. मीठे सिड्डू के बनाने का तरीका भी नमकीन सिड्डू की तरह ही है. सिर्फ स्टफिंग के लिए दाल की जगह ड्राइ फ्रूट्स, नारियल, तिल आदि का इस्तेमाल होता है. इस पेस्ट में चीनी या गुड़ का इस्तेमाल किया जाता है.

सुझाव: सिड्डू के लिए आटा गूंथने में आप एक छोटा चम्मच घी का इस्तेमाल करें तो इसका स्वाद बढ़ जाएगा. दाल को पीसने में पानी का उपयोग नहीं करना है. सिर्फ भीगी हुई दाल को ही पीसें ताकि पेस्ट अच्छा बने. कद्दूकस किये हुए अदरक के बदले अदरक का पेस्ट भी यूज कर सकते हैं.

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