शिमला: भाजपा के वरिष्ठ विधायक और योजना बोर्ड के अध्यक्ष रमेश ध्वाला और भाजपा के प्रदेश महामंत्री पवन राणा बीच की जंग मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर तक पहुंच गई है. दो दिन पहले ध्वाला के चुनावी क्षेत्र ज्वालामुखी से 11 प्रधान ध्वाला की शिकायत करने जयराम ठाकुर के दरबार में शिमला पहुंच गए और उन पर कई आरोप लगाए. इसके जवाब में शनिवार को ध्वाला भी दर्जन से ज्यादा प्रधानों को जयराम के दरबार में ले आए.
सीएम के दरबार में पहुंचे प्रधानों ने पवन राणा पर भी आरएसएस से जुड़े होने के बावजूद कांग्रेसियों के काम कराने और उन्हें तरजीह देने तक के इल्जाम लगाया है. जयराम ठाकुर दोनों को अपने दरबार में हाजिर करवा कर अपनी बादशाहत कायम रखने की रणनीति पर चल रहे हैं. खबर है कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने ध्वाला को फिर से आने को कहा और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष की मौजूदगी में मामले पर चर्चा करने को कहा है.
सूत्रों के अनुसार जिन लोगों को ध्वाला पार्टी से बाहर करने की बात लगातार कर रहे हैं उन्हें राणा पार्टी में महत्व दे रहे हैं. इनमें अभिषेक पाधा, मनीष गर्ग और कुशल ठाकुर प्रमुख हैं. पवन राणा ने मनीष शर्मा को कौशल विकास निगम में निदेशक बना दिया है जबकि अभिषेक पाधा जो पेशे से वकील हैं, इनको चार विभागों के पैनल पर ला दिया है और कुशल ठाकुर को भाजपा की कार्यकारिणी में जगह दी है.
मुख्यमंत्री के पास शनिवार को पहुंचे ध्वाला समर्थकों ने जयराम को बताया कि राणा जिन लोगों को मजबूत कर रहे हैं उनमें से ज्वालामुखी हलके के 101 बूथों पर केवल एक कुशल राणा के बूथ से कांग्रेस को 59 मतों की बढ़त मिली है. बाकी सब बूथों पर भाजपा बढ़त में है.