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अक्टूबर में नया क्षेत्रीय दल बनाएंगे राजन सुशांत, बोले- 2022 में बहुमत से बनेगी सरकार

पूर्व सांसद राजन सुशांत ने शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश की जनता कांग्रेस बीजेपी से त्रस्त हो चुकी है और जनता तीसरा विकल्प की तलाश कर रही है. प्रदेश की जनता को वे तीसरा विकल्प देने जा रहे हैं और विधानसभा की सभी सीटों पर क्षेत्रीय दल अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 2022 में बहुमत से सरकार बनाएगी.

Rajan Sushant
पूर्व सांसद राजन सुशांत

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Published : Aug 6, 2020, 3:41 PM IST

शिमला:हिमाचल में 2022 में होने वाले विधानसभा के चुनावों में राजन सुशांत की पार्टी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी. पूर्व सांसद राजन सुशांत ने नवरात्रों में अपने दल का नामकरण करने का दावा किया है. राजन सुशांत ने दोनों राजनीतिक दलों के नेताओ से भी संपर्क होने का भी दावा किया है.

पूर्व सांसद राजन सुशांत ने शिमला में आयोजित प्रेसवार्ता में कहा कि प्रदेश की जनता-कांग्रेस बीजेपी से त्रस्त हो चुकी है और जनता तीसरा विकल्प की तलाश कर रही है. प्रदेश की जनता को वे तीसरा विकल्प देने जा रहे हैं और विधानसभा की सभी सीटों पर क्षेत्रीय दल अपने उम्मीदवार उतारेगी. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी 2022 में बहुमत से सरकार बनाएगी.

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राजन सुशांत ने कहा कि जल्द ही नामकरण करने के साथ ही एक क्षेत्रीय दल को लॉन्च किया जाएगा. क्षेत्रीय दल को लेकर प्रदेश भर में समाजिक संगठनों व राजनीतिक दलों के नेताओं के साथ बातचीत हो रही है, लेकिन केवल उन्हीं नेताओं को पार्टी में शामिल किया जाएगा जो भ्रष्टाचार में संलिप्त ना हो.

राजन सुशांत ने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के अंतर्गत लाया जाए. उन्होंने कहा कि एनपीएस कर्मचारियों का इतनी कम पेंशन में गुजर-बसर करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है. उन्होंने कहा कि सरकार एक लाख कर्मियों को ओल्ड पेंशन नहीं दे सकती है तो 2003 के बाद के सभी विधायकों को एमपीएस के तहत लाया जाए.

पूर्व सांसद ने कहा कि एक ओर मुख्यमंत्री कोविड के दौर में हेलीकॉप्टर की सवारी कर रहे हैं. वहीं, प्रदेश की जनता तंगहाली से त्रस्त है. सुशांत ने ऐलान किया कि जब तक एनपीएस कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्कीम के अंतर्गत नहीं लाया जाता वह भी एनपीएस कर्मचारियों की तरह ही पेंशन लेंगे. उन्होंने कहा कि सरकार के पास विधायकों की शंकाएं और भत्ते बढ़ाने के लिए तो पैसे हैं, लेकिन कर्मचारियों को देने के लिए पैसे क्यों नहीं है. कर्मचारी के काम करने के बावजूद रिटायरमेंट के समय पेंशन ना मिलना एक बहुत ही दुखद बात है.

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