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गुड़िया मर्डर केस: CBI जांच पर उठे सवाल, 'जांच एजेंसी ने कोर्ट में नहीं दी नार्को टेस्ट की रिपोर्ट'

शिमला गुड़िया गैंग रेप और मर्डर केस मामले में पूर्व एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं.

shimla gudiya murder case
shimla gudiya murder case

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Published : Dec 15, 2019, 9:11 PM IST

शिमलाः राजधानी शिमला के कोटखाई में 4 जुलाई 2017 को हुए गुड़िया गैंग रेप और मर्डर केस मामले में पूर्व एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने सीबीआई जांच पर सवाल उठाए हैं. रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान विनय गुप्ता ने मीडिया के सामने 18 नवंबर 2019 को कोर्ट में क्रॉस एग्जामिनेशन की कॉपियां वितरित कर सीबीआई की जांच को कटघरे में खड़ा किया है.

पूर्व एडवोकेट जनरल विनय शर्मा ने प्रेसवार्ता के दौरान कहा कि गुड़िया मर्डर केस में सीबीआई ने कोर्ट में एसआईटी द्वारा पकड़े गए 5 आरोपियों के नार्को टेस्ट की रिपोर्ट को छुपाया है और कोर्ट को नार्को टेस्ट मामले में गुमराह किया है.

विनय शर्मा ने कहा कि सीबीआई जब गुड़िया मर्डर केस में नाकाम रही तो अगली पेशी में चरानी को कोर्ट में गुड़िया का कातिल बता कर पेश किया. सीबीआई ने तर्क दिया था कि नीलू चरानी ने ही गुड़िया के साथ रेप और उसकी हत्या की है.

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विनय ने कहा कि सीबीआई ने सूरज हत्या मामले में केस मोड़ दिया और एसआईटी के आईजी समेत आठ पुलिस अधिकारी व कर्मचारियों को गिरफ्तार कर लिया. विनय शर्मा ने कहा कि सीबीआई ने एसआईटी द्वारा पकड़े गए पांच आरोपियों का गांधी नगर में नार्को टेस्ट करवाया. टेस्ट में राजू व उसके चार साथियों अपना गुनाह कबूला था और घटना की विस्तार से जानकारी दी थी की सूरज ने पहले गुड़िया के साथ छेड़खानी की थी और बाद में सभी ने गुड़िया से दुष्कर्म किया था.

विनय शर्मा ने कहा कि सीबीआई ने अपनी सभी स्टेटस रिपोर्ट कोर्ट में बंद लिफाफे में दी. जबकि नार्को टेस्ट की रिपोर्ट अक्टूबर 2017 में ही सीबीआई को मिल गयी थी, लेकिन सीबीआई ने कोर्ट में नार्को की रिपोर्ट नहीं दी. क्योंकि सीबीआई ने एसआईटी द्वारा पकड़े गए सभी पांचों आरोपियों को क्लीन चिट दे दी थी. उन्होंने कहा कि गुड़िया की जब हत्या हुई थी तब फेसबुक पर आरोपियों की जो फोटो वायरल हुई थी उनमें एक फोटो आरोपी राजू की भी थी.

पूर्व एडवोकेट जनरल के मुताबिक सीबीआई ने कोर्ट में चरानी के सैंपल मैच होने के बात कही थी, लेकिन चरानी के सैंपल किसी के सामने सील नहीं हुए थे और न ही इस बात का कोई प्रमाण है कि सैंपल नीलू चरानी के ही थे. विनय ने कोर्ट से मांग की है कि गुड़िया मामले की जांच फिर से हो और आरोपियों को सजा मिले.

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