शिमला: देश भर में पेट्रोल व डीजल के संकट के बीच हिमाचल के लिए राहत की बात है. हिमाचल प्रदेश में हिमफैड के तहत छह पेट्रोल पंप संचालित किए जाते हैं. शिमला सहित कुल्लू, सिरमौर, मंडी, ऊना, ठियोग में पेट्रोल पंप है. यहां पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल व डीजल है. इसके अलावा एचआरटीसी के प्रदेश भर में अपने पेट्रोल पंप हैं. ऐसे में सरकारी गाड़ियों के पहिए नहीं थमेंगे.
हिमाचल में नहीं थमेंगे सरकारी गाड़ियों के पहिए, पेट्रोल- डीजल से भरपूर हैं हिमफैड और एचआरटीसी के पंप - petrol Pumps of HIMFED
हिमाचल प्रदेश में हिमफैड के तहत छह पेट्रोल पंप संचालित किए जाते हैं. हिमफैड के पास पेट्रोल व डीजल की कोई कमी नहीं है. वहीं, प्रदेश में यातयात का सबसे बड़ा साधन एचआरटीसी की बसें हैं. प्रदेश में (supply of petrol diesel in himachal) एचआरटीसी के 30 से अधिक पेट्रोल पंप है. परिवहन मंत्री के अनुसार इन सभी पेट्रोल पंप में पर्याप्त मात्रा में डीजल उपलब्ध है. तेल की कमी के कारण किसी की बस के पहिये नहीं थमे.
हिमफैड के चेयरमैन गणेश दत्त ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कुछ दिन से सप्लाई चेन में बाधा पेश आई थी. उस कारण हिमफैड के पद्धर मंडी स्थित पंप में थोड़ी परेशानी आई थी. वहां जरूर हिमफैड प्रबंधन ने बल्क में पेट्रोल देने (Pumps of HIMFED are full of petrol diesel) से मना किया था. लेकिन शिमला, ठियोग, डोभी कुल्लू आदि के पेट्रोल पंपों में पर्याप्त मात्रा में पेट्रोल व डीजल है. उन्होंने बताया कि एक पेट्रोल पंप पर कुल 30 हजार लीटर पेट्रोव व डीजल की क्षमता होती है.
हिमफैड के पंप्स पर रोजाना इतनी ही खपत भी है. उन्होंने कहा कि रिलायंस व भारत पेट्रोलियम की सप्लाई में कुछ दिक्कत थी. गणेश दत्त ने कहा कि हिमफैड के पास पेट्रोल व डीजल की कोई कमी नहीं है. उन्होंने कहा कि शिमला शहर सहित प्रदेश के अन्य टूरिस्ट डेस्टीनेशन में समर सीजन के कारण सैलानियों की भारी भीड़ है, इस कारण भी पेट्रोल की खपत बढ़ी है.
प्रदेश में यातयात का सबसे बड़ा साधन एचआरटीसी की बसें हैं. प्रदेश की 90 प्रतिशत के करीब जनता इन्हीं बसों से माध्यम से यात्रा करती हैं. प्रदेश में एचआरटीसी के 30 से अधिक पेट्रोल पंप है. परिवहन मंत्री के अनुसार इन सभी पेट्रोल पंप (Pumps of HRCT are full of petrol diesel) में पर्याप्त मात्रा में डीजल उपलब्ध है. तेल की कमी के कारण किसी की बस के पहिये नहीं थमे. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में तेल की सप्लाई भी सुचारू होने की सूचना है.
हिमाचल प्रदेश में रोजाना औसतन 240 मीट्रिक टन पेट्रोल की खपत होती है. प्रदेश में डीजल की खपत अधिक है, यह करीब 1300 मीट्रिक टन रोजाना है. हिमाचल में 496 पेट्रोल पम्प स्थापित हैं. कांगड़ा में सबसे अधिक 103, सोलन में 70, ऊना में 68 पेट्रोल पंप हैं. इसके अलावा एचआरटीसी के 30 के करीब पंप और हिमफैड, कैलाश फेडरेशन सहित कुछ अन्य संस्थाओं के पंप भी प्रदेश में अनेक स्थानों पर है. खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग ने कहा कि अब तेल की सप्लाई सामान्य हो रही है.