शिमलाः कोरोना के इस संकट के समय में भी प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी नहीं रुक रही है. निजी स्कूल सरकार और शिक्षा विभाग के निर्देशों का पालन भी नहीं कर रहे हैं. इसी के विरोध में शुक्रवार को छात्र अभिभावक मंच ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया.
इस प्रदर्शन के दौरान जमकर नारेबाजी सरकार और शिक्षा विभाग के खिलाफ की गई. यह प्रदर्शन निजी स्कूलों की मनमानी, प्रदेश सरकार के केवल ट्यूशन फीस लेने के आदेशों की अवहेलना के खिलाफ किया गया. इस प्रदर्शन के माध्यम से मंच ने निजी स्कूलों की मनमानी से विभाग को अवगत करवाया और संयुक्त निदेशक को अपना मांग पत्र भी सौंपा.
छात्र अभिभावक मंच के संयोजक विजेंद्र मेहरा ने निजी स्कूलों की मनमानी को लेकर सरकार और विभाग को भी आड़े हाथ लिया. उन्होंने कहा कि इन स्कूलों को सरकार का ही संरक्षण प्राप्त है, जिसकी वजह से इनकी मनमानी रुकने का नाम नहीं ले रही हैं. बड़े निजी स्कूलों की सरकार के साथ सांठगांठ है, लेकिन सरकार ने अभिभावकों के दबाव में आकर आदेश निजी स्कूलों को जारी कर दिए है. इसके बावजूद इन्हें लागू करवाने में सरकार कोई रुचि नहीं दिखा रही है और ना ही शिक्षा विभाग की ओर से किसी तरह की कोई कार्रवाई इन निजी स्कूलों के खिलाफ की जा रही है. इस वजह से अभिभावकों को ज्यादा फीस का बोझ अभी भी झेलना पड़ रहा है और निजी स्कूल उनसे बिना किसी डर के भारी-भरकम ट्यूशन फीस वसूल रहे हैं.
उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना महामारी के इस समय में भी निजी स्कूल खासी लूट कर रहे हैं , बावजूद इसके भी सरकार और शिक्षा विभाग चुप्पी साधे हुए बैठे हुए हैं. स्कूलों की ओर से अभिभावकों पर बार-बार फीस जमा करवाने का दवाब बनाया जा रहा है. यही वजह है कि अधिकतर अभिभावकों ने अपने बच्चों के भविष्य को देखते हुए इस तिमाही फीस में ट्यूशन फीस के साथ ही सभी तरह के एनुअल चार्जिज के साथ अन्य फंड भी वसूल लिए है. जो ट्यूशन फीस अभिभावकों से वसूली गई है. उसमें भी 10 से 20 फीसदी बढ़ोतरी स्कूलों ने की है.