शिमला:चुनावी साल में हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिलाकर जिले की पांचों सीटों पर जीत दर्ज करने का सपना पालने वाली भाजपा को उनके ही ट्राइबल मंत्री ने न्यू हाटी वाला मार्ग दिखा दिया है. हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा दिलाने के सीएम जयराम ठाकुर और भाजपा के वादे से अलग ट्राइबल मिनिस्टर ने अलग ही राह पकड़ ली है.
न्यू एसटी क्या है?: ट्राइबल मिनिस्टर राम लाल मारकंडा का कहना है कि हाटी समुदाय को एसटी का दर्जा तो मिले, लेकिन उन्हें न्यू एसटी में शामिल किया जाए. उन्होंने कहा कि किसी भी समुदाय को एसटी का दर्जा मिले इसमें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन इन सभी को न्यू एसटी का दर्जा मिले. अब ये न्यू एसटी क्या है इसके बारे में उन्होंने सपष्ट नहीं किया. चुनावी साल में हिमाचल भाजपा को सिरमौर जिले की पांच सीटों पर इस कदम का लाभ लेने की कोशिश कर रही है. गिरिपार इलाके की तीन लाख से अधिक की आबादी है. ये समुदाय दशकों से जनजातीय का दर्जा मांग रहा है.
गिरिपार के लोगों के पास सबसे पुख्ता (Minister Ram lal Markanda in Shimla) तर्क ये है कि जब समान परिस्थितियों वाले उत्तराखंड के जौंसार बावर इलाके को उक्त दर्जा दिया जा सकता है तो हाटी समुदाय के साथ भेद भाव क्यों? फिलहाल दशकों का इंतजार खत्म होने के आसार हैं. हिमाचल की विभिन्न सरकारों ने गिरिपार को जनजातीय दर्जा दिलाने के लिए अपने-अपने स्तर पर प्रयास किए. इस बारे में कई बार अपडेट रिपोर्ट आरजीआई को सौंपी गई. इस बार गिरिपार की जनता ने ठान लिया था कि जनजातीय का दर्जा लेकर रहेंगे. इसके लिए निरंतर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किए गए.