शिमला: अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ (All India National Educational Association press conference) ने जयराम सरकार द्वारा पेश किए गए बजट की सराहना की है. उन्होंने कहा है कि महासंघ ने जो अपनी मांगें सरकार के समक्ष रखी थी, उनमें से 12 मांगें मान ली गई है. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय सचिव पवन मिश्रा ने रविवार को शिमला में आयोजित एक पत्रकार वार्ता में कहा कि सरकार से बैठकों के बाद संघ ने जो भी अपनी मांगें रखी थी, उनमें से अधिकतर मांगें मान ली गई हैं. ऐसे में उन्होंने सरकार का धन्यवाद किया है.
पवन मिश्रा ने कहा कि शिक्षकों की लंबे समय से चल रही मांगों को मान लिया गया है. पवन मिश्रा ने कहा कि कर्मचारियों के राइडर्स की मांगें ओपीएस की मांग को लेकर सरकार से चर्चा लगातार की जा रही है और उनका मानना है कि आने वाले दिनों में सरकार यह दोनों मांगें मान लेगी. उन्होंने कहा कि आंदोलन आखिरी हथियार है, लेकिन उससे पहले यदि चर्चा की जाए तो समाधान जरूर निकलता है.
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर प्रदेश में भी सरकार ने सबसे पहले प्राथमिक शिक्षा की नींव को सुदृढ़ करने के लिए पूर्व प्राथमिक शिक्षा सरकारी विद्यालयों में भी शुरू करने का निर्णय लिया, सरकारी विद्यालयों को प्रभावी शिक्षा मंदिर बनाने के लिए अटल आदर्श विद्यालय योजना, उत्कृष्ट विद्यालय योजना एवं शिक्षा के क्षेत्र में समाज के सहयोग के लिए अखंड शिक्षा ज्योति, मेरे स्कूल से निकले मोती, विद्यांजलि जैसी उत्कृष्ट योजनाओं को प्रारंभ किया. हिमाचल प्रदेश शिक्षक महासंघ के आग्रह पर ही सरकारी विद्यालय में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों के लिए निशुल्क वर्दी व पुस्तकें उपलब्ध करवाई गई.