शिमला: छोटे पहाड़ी राज्य हिमाचल की सियासत अमूमन भाजपा और कांग्रेस के इर्द-गिर्द घूमती रही है. वर्ष 1985 के बाद यहां की जनता भाजपा और कांग्रेस को बारी-बारी से सत्ता सौंपती रही है. हालांकि हर चुनाव में दोनों दल सत्ता में वापसी का दावा करते आए हैं लेकिन कोई भी दल मिशन रिपीट का सपना पूरा नहीं कर पाया है.
इस बार 'आप' ने दिया तीसरा विकल्प- करीब 4 दशक से बीजेपी कांग्रेस के बीच सत्ता आती जाती रही है. इस बार हिमाचल की राजनीति में आम आदमी पार्टी की एंट्री (Himachal Assembly Elections 2022) से सियासत का तीसरा फ्रंट खुलता दिख रहा है. आम आदमी पार्टी उकसावे की राजनीति के लिए जानी जाती है. कांगड़ा के चंबी मैदान में दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की रैली से यह तथ्य फिर से स्थापित हुआ है. केजरीवाल ने उकसावे वाले शब्दों का प्रयोग करते हुए कहा कि हिमाचल के मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर उनकी नकल करते हैं लेकिन नकल के लिए भी अकल की जरूरत है. ऐसे में यह देखना रोचक हो गया है कि आने वाले समय में आम आदमी पार्टी हिमाचल में किस तरह से जड़ें जमा पाएगी.
मंडी में आम आदमी पार्टी की रैली. चेहरे की तलाश में 'आप'- कांग्रेस का कहना है कि उसका मुकाबला भाजपा से है और भाजपा कहती है कि चुनाव में उसका प्रतिद्वंदी दल कांग्रेस है. लेकिन हाल ही की राजनीतिक घटनाओं पर गौर करें तो आम आदमी पार्टी ने अपनी सियासत से भाजपा को प्रतिक्रियाएं देने पर मजबूर कर दिया है. ऐसे में भाजपा और कांग्रेस को आम आदमी पार्टी का प्रतिकार करने के लिए मैदान में उतरना ही होगा. इस तरह मुकाबला तिकोना हो जाएगा.
मंडी में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की रैली. हालांकि आम आदमी पार्टी के पास अभी संगठित कैडर हिमाचल में नहीं है. आम आदमी पार्टी का फोकस भाजपा और कांग्रेस से नाराज और हताश लोगों को अपने पाले में लाने पर है. अभी तक भाजपा और कांग्रेस से कोई बड़ा नाम आम आदमी पार्टी में शामिल नहीं हुआ है. ऐसे में आम आदमी पार्टी के उन दावों पर सवालिया निशान लगता है, जिसमें वो भाजपा और कांग्रेस के बड़े नेताओं को पार्टी में शामिल करने की बात कहती आई है.
चुनावी नतीजों का गणित- हिमाचल में 2017 के चुनाव में भाजपा प्रचंड बहुमत से सत्ता में आई थी. उसके बाद 2019 में आम चुनाव में लोकसभा की सभी चार सीटें भाजपा ने जीती थी. तब एक रिकॉर्ड यह भी बना था कि सभी 68 विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा को कांग्रेस के मुकाबले बढ़त मिली थी. हालांकि 2021 में मंडी लोकसभा सीट और तीन विधानसभा सीटों पर उपचुनाव में भाजपा को करारी शिकस्त मिली लेकिन अब उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा में सत्ता रिपीट होने से हिमाचल भाजपा में उत्साह आ गया है.
तैयारी के मामले बीजेपी आगे- हिमाचल विधानसभा चुनाव साल के आखिर में होने हैं लेकिन लेकिन भाजपा ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं. भाजपा के पक्ष में 6 लाख कार्यकर्ताओं का मजबूत कैडर है. भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष व पार्टी उपाध्यक्ष सौदान सिंह संगठन को सक्रिय कर रहे हैं. संगठनात्मक तौर पर भाजपा की बैठकें निरंतर जारी हैं. मई में अमित शाह और जून में पीएम नरेंद्र मोदी हिमाचल आएंगे. जेपी नड्डा बीते दो हफ्तों में दूसरी बार हिमाचल में रोड शो से लेकर पदाधिकारियों के साथ बैठक और कार्यकर्ताओं को जीत का मंत्र दे चुके हैं. ऐसे में तैयारियों के लिहाज से भाजपा अन्य दलों से आगे है.
कांग्रेस की परेशानी- जहां तक कांग्रेस की बात है तो करिश्माई नेता वीरभद्र सिंह की गैर मौजूदगी में पार्टी के लिए यह पहली चुनावी परीक्षा है. वीरभद्र सिंह के मौजूद होते हुए कांग्रेस को ना तो नेतृत्व की चिंता होती थी और ना ही स्टार चुनाव प्रचारक की. वीरभद्र सिंह की जन नेता की छवि थी और वे अकेले अपने दम पर चुनावी बाजी पलटने की योग्यता रखते थे. लेकिन इस समय कांग्रेस के पास कोई ऐसा बड़ा चेहरा नहीं है, जिसपर भरोसा कर चुनावी फतह हासिल की जा सके. देखा गया है कि जनता के मुद्दों पर कांग्रेस हिमाचल में कोई बड़ा आंदोलन नहीं छेड़ पाई है. सत्ता विरोधी रुझान को भुनाने में कांग्रेस ढीली नजर आ रही है. वहीं आम आदमी पार्टी भाजपा पर निरंतर हमलावर है.
'आप' बनेगी तीसरा विकल्प- आम आदमी पार्टी ने कांगड़ा के चंबी मैदान की रैली से यह स्पष्ट कर दिया है कि वह तीसरा विकल्प बनने के लिए गंभीरता से काम कर रही है. केजरीवाल का अप्रैल महीने में ये दूसरा हिमाचल का दौरा था. आम आदमी पार्टी के नेता सत्येंद्र जैन हिमाचल में लगातार सक्रिय हैं. आम आदमी पार्टी का फोकस अभी अधिक से अधिक लोगों को अपने साथ जोड़ना है.
अरविंद केजरीवाल भाजपा की नीयत पर सवाल (arvind kejriwal on jairam government) उठा रहे हैं और कह रहे हैं कि आम आदमी पार्टी हिमाचल में बेरोजगार युवाओं को नौकरी (unemployed youth in himachal) देगी. वे आम जनता से जुड़े मुद्दों को उछाल रहे हैं. विगत चार दशक का इतिहास उठाएं तो प्रदेश की जनता ने तीसरे विकल्प को स्वीकार नहीं किया है. लेकिन अब परिस्थितियां बदल रही हैं. आम आदमी पार्टी हिमाचल की जनता के मन में यह बात बिठाने की कोशिश कर रही है कि भाजपा और कांग्रेस ने बारी-बारी से प्रदेश की जनता को ठगा है.
क्या कहते हैं सियासी जानकार- वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश ठाकुर का मानना है कि धीरे-धीरे आम आदमी पार्टी हिमाचल में अपने पांव जमा रही है. प्रकाश ठाकुर का कहना है कि यदि आम आदमी पार्टी हिमाचल की जनता के मन में परिवर्तन की जरूरत वाली बात बिठाने में कामयाब हो गई तो नतीजे चौंकाने वाले हो सकते हैं. भाजपा अध्यक्ष सुरेश कश्यप का कहना है कि चार राज्यों में मिशन रिपीट के बाद हिमाचल में भाजपा दोबारा सरकार बनाएगी. कांग्रेस अध्यक्ष कुलदीप राठौर के अनुसार जनता भाजपा सरकार से खुश नहीं है और कांग्रेस सत्ता में वापसी करेगी. वहीं आम आदमी पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता गौरव शर्मा का कहना है कि जनता बदलाव चाहती है और इस बार आम आदमी पार्टी की सरकार बनेगी. अब इस बार जनता सत्ता की चाबी किसके हाथ में देगी ये आने वाला वक्त ही बताएगा.
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