किन्नौर:जिला किन्नौर के निचले क्षेत्रों मे सुबह शाम हल्की बारिश होने से बागवानो को राहत मिली है, लेकिन जिला का पूह खंड अभी भी सूखे की मार झेल रहा है. सूखे के चलते सेब के बगीचे सूखने की कगार पर है. जिससे यहां के बागवानों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. शनिवार को पूह गांव (Pooh village of Kinnaur) के पूर्व प्रधान सुशील साना ने रिकांगपिओ में प्रेसवार्ता के दौरान ये बातें कही.
सूखे की मार झेल रहा किन्नौर का पूह गांव, बगीचों के लिए खरीदकर पानी लाने को मजबूर बागवान
किन्नौर जिले के निचले क्षेत्रों मे सुबह शाम हल्की बारिश होने से बागवानो को राहत मिली है, लेकिन जिला का पूह खंड (Pooh village of Kinnaur) अभी भी सूखे की मार झेल रहा है. सूखे के चलते सेब के बगीचे सूखने की कगार पर है. जिससे यहां के बागवानों के लिए एक बड़ा संकट पैदा हो सकता है. पढ़ें पूरी खबर....
उन्होंने कहा कि पूह गांव में सेब के बगीचे सूखने की कगार पर है, लेकिन वर्तमान पंचायत इस विषय को लेकर गंभीर नहीं दिख रही है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल में उन्होंने पूह गांव मे सिंचाई की सुविधा के लिए ऋषि डोगरी नामक स्थान से पूंह गांव तक पानी पहुंचाने के लिए पाइप लाइने बिछाई थी, जिसका 80 फीसदी काम पूरा हो चुका था. लेकिन वर्तमान पंचायत बचे हुए 20 फीसदी काम को अभी तक पूरा नहीं कर पाई है. ऐसे में यहां सिंचाई की कोई व्यवस्था न होने के चलते सेब के बगीचे सुख रहे हैं.
उन्होंने कहा कि पूह गांव के लोग इतने मजबूर है कि आज सिंचाई के लिए भी वाहनों के माध्यम से खरीदकर पानी लाना पड़ रहा है. जिस पर लोगों के लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं, जिसे आम आदमी पूरा नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि उनके कार्यकाल मे सतलुज से लिफ्ट इरिगेशन की सुविधा भी पंचायत ने लोगों को दी थी. लेकिन आज लिफ्ट इरिगेशन का मेंटेनेन्स सही तरीके से नहीं होने के चलते यहां पानी लिफ्ट करने में समस्याएं आ रही हैं. उन्होंने कहा कि पूह पंचायत को पूह गांव को सूखे की मार से बचाने की कवायद शुरू करनी चाहिए, ताकि सेब बागवानों को राहत मिल सके.