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गर्माने लगा भाजपा में शामिल निर्दलीय विधायकों की सदस्यता का मसला, क्या राष्ट्रपति चुनावों से पहले हो पाएगा फैसला?

हिमाचल में भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. वहीं, राष्ट्रपति चुनाव 2022 से पहले हिमाचल में भाजपा में शामिल दोनों निर्दलीय विधायकों की सदस्यता का मुद्दा जोर पकड़ने लगा है. विपक्षी दल कांग्रेस ने नियमों का हवाला देते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता खारिज करने की मांग रखी है. इस मामले में विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को ही अब अंतिम निर्णय लेना है. पढ़ें पूरी खबर...

Politics on Independent MLA who joined BJP in Himachal
राष्ट्रपति चुनाव 2022 से पहले हिमाचल में भाजपा में शामिल निर्दलीय विधायकों पर राजनीति

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Published : Jul 9, 2022, 3:35 PM IST

शिमला: राष्ट्रपति चुनाव 2022 (presidential election 2022) से पहले भाजपा में शामिल हुए दोनों निर्दलीय विधायकों की सदस्यता का मुद्दा जोरों-शोरों से उठने लगा है. विपक्षी दल कांग्रेस ने विधानसभा सचिव के पास अपनी आपत्ति दर्ज करवा दी है. अब देखना होगा कि क्या विधानसभा अध्यक्ष इन विधायकों की सदस्यता पर कोई फैसला लेते हैं या नहीं. लेकिन इस बात के आसार कम ही हैं कि विधानसभा अध्यक्ष अभी कोई फैसला लेते हैं. अगर जल्द इन दोनों विधायकों की सदस्यता पर कोई स्पष्ट फैसला नहीं आता है तो क्या कांग्रेस इस मुद्दे का राजनीतिक लाभ उठा सकेगी यह भी वक्त के साथ ही पता चल पाएगा.

अब भाजपा में शामिल हुए दोनों निर्दलीय विधायकों के निलंबन मामला विधानसभा (Politics on Independent MLA who joined BJP in Himachal) पहुंच गया है. विधानसभा अध्यक्ष विपिन सिंह परमार को ही अब अंतिम निर्णय लेना है. विपक्षी दल कांग्रेस ने नियमों का हवाला देते हुए दोनों विधायकों की सदस्यता खारिज करने की मांग रखी है. इस बारे में लिखित शिकायत विधानसभा सचिव को सौंपी है. देहरा से विधायक बने होशियार सिंह और जोगिंदरनगर से प्रकाश राणा मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर और राज्य पार्टी प्रमुख सुरेश कश्यप की मौजूदगी में भाजपा में शामिल हो गए थे.

हिमाचल कांग्रेस कैम्पेनिंग कमेटी के प्रमुख सुखविंद्र सिंह सुक्खू (Himachal Congress Campaigning Committee chief Sukhwinder Singh Sukhu) ने दोनों सदस्यों के खिलाफ दलबदल विरोधी कानून के तहत कार्रवाई की मांग की. सुक्खू ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को खुद से पहल करते हुए कार्रवाई करनी चाहिए और दोनों विधायकों को सदन की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर देना चाहिए, क्योंकि वे शिमला पार्टी कार्यालय में भाजपा में शामिल हुए हैं. सुक्खू ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि होशियार सिंह और प्रकाश राणा दोनों ने देहरा और जोगिंद्रनगर में मतदाताओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है. उन्होंने कहा कि लोगों ने निर्दलीय विधायक के रूप में चुनकर भाजपा के खिलाफ जनादेश दिया था. अब जब वे पार्टी में शामिल हो गए हैं, तो उनकी सदस्यता तुरंत रद्द कर दी जानी चाहिए. उन्होंने कहा, पार्टी विधायक जल्द ही स्पीकर को एक ज्ञापन सौंपने कर दोनों को अयोग्य घोषित करने के लिए आग्रह करेंगे.

हिमाचल के एक विधायक का वोट वैल्यू है 51 अंक:हिमाचल के एक विधायक का वोट वैल्यू 51 अंक है. पड़ोसी राज्य उत्तराखंड के विधायकों का वोट वैल्यू 64 अंक है. हिमाचल में भी राष्ट्रपति चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. यहां पर 68 विधायक, लोकसभा के 4 सांसद और राज्यसभा के तीन सांसद हैं. राष्ट्रपति के चुनाव 18 जुलाई को प्रस्तावित हैं.

हिमाचल प्रदेश में भाजपा के 45 विधायक:दो निर्दलीय विधायकों सहित इस वक्त भाजपा के यहां पर 45 विधायक हैं और तीन लोकसभा सदस्य भी भाजपा के हैं. कांग्रेस के पास 22 विधायक हैं. एक निर्दलीय विधायक हैं. लोकसभा और राज्यसभा सांसदों के वोट वैल्यू के अंक (Vote Value of Lok Sabha and Rajya Sabha MP) अलग से होंगे. विदित हो कि राष्ट्रपति के चुनाव के लिए मतदान 18 जुलाई को होना है.

विधानसभा सचिव राष्ट्रपति चुनाव के लिए हिमाचल के एआरओ सुंदर सिंह वर्मा ने कहा कि इस इलेक्शन का पूरा मामला चीफ इलेक्टोरल ऑफिसर देखते हैं. सेक्रेटरी विधानसभा एआरओ की भूमिका में होता है. हमारा काम राष्ट्रपति चुनाव के लिए मतदान करवाना है. उसकी तैयारी हम पूरी कर चुके हैं.

सबसे कम, ज्यादा वोट वैल्यू: राष्ट्रपतिचुनाव में सबसे कम वोट वैल्यू सिक्किम के विधायक की है. उनके वोट की वैल्यू महज 7 अंक है. उत्तर प्रदेश के विधायकों की सबसे अधिक वोट वैल्यू है. यूपी के एक विधायक की वोट वैल्यू सबसे अधिक 208 अंक है. सांसदों की वोट वैल्यू 708 अंक है. सांसदों और विधायकों के मिले मतों की वैल्यू निकालकर ही प्रत्याशी विजयी घोषित किया जाता है.

यह है वोट वैल्यू निकालने का फॉर्मूला: विधायकों की वोट वैल्यू निकालने का एक फॉर्मूला तय है. राज्य के विधायकों की संख्या को 1000 से गुणा कर उस राज्य की जनसंख्या से डिवाइड कर वोट वैल्यू निकाली जाती है. सांसदों की वोट वैल्यू 708 आंकी गई है. राष्ट्रपति चुनाव में वोट करने वालों को कैंडिडेट के नाम के आगे अपनी वरीयता देनी पड़ती है. जिस कैंडिडेट को सबसे अधिक नंबर-1 की वरीयता मिलती है. वह ही जीत का हकदार होता है.

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